कोर्ट के फैसले की CM नीतीश को थी जानकारी!:कार्तिक की जमानत याचिका खारिज होने के तुरंत बाद CM ने कहा – पता था, तभी इस्तीफा लिया

पटना। बुधवार को देर रात कानून मंत्री से गन्ना मंत्री बने कार्तिक कुमार ने इस्तीफा दे दिया। लगा जैसे कि वह बेदाग होकर वापस लौटेंगे तो उन्हें फिर से जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन, कार्तिक कुमार की जमानत याचिका रद्द हो गई और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगे। इन सबके बीच जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री ने ऐसी बात कह दी, जैसे उन्हें सब कुछ पता था और उन्होंने ही कार्तिक कुमार का पूरा आर्डर लिखा हो। महज 5 सेकेंड के एक बयान में बिहार के मुख्यमंत्री ने यह जाहिर कर दिया कि उन्हें सब कुछ पता था, इसलिए उन पर कार्रवाई की गई।

जरा घटनाक्रम पर ध्यान दीजिए, कार्तिक कुमार 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ लेते हैं। शाम में उन्हें विभाग दिया जाता है। कानून विभाग के मंत्री बनाए जाते हैं। अगले दिन पदभार ग्रहण करने से पहले खबर यह आती है कि कार्तिक कुमार भगोड़े हैं। बिहटा के एक अपहरण के मामले में दानापुर कोर्ट ने 1 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई है।

खबर आग की तरह फैली, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मसले पर कभी बात नहीं की। समय जैसे-जैसे नजदीक आता गया। 1 दिन पहले कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया जाता है। उन्हें कानून विभाग से हटाकर गन्ना विभाग का मंत्री बनाया जाता है।

इस आर्डर को 18 घंटे भी नहीं होते हैं कि बुधवार शाम यानी 31 अगस्त को कार्तिक कुमार इस्तीफा दे देते हैं। 1 तारीख को दानापुर कोर्ट एडीजे 3 के पास इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होती है। जमानत याचिका रद्द कर दी जाती है। उनपर गिरफ्तारी के तलवार लटकाने लगे।

इसी दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री ने बड़े सधे शब्दों में कहा – यह तो पता ही था। तभी तो उन पर कार्रवाई की गई। अब सवाल यह उठता है कि कोर्ट के ऑर्डर से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह सब कुछ कैसे पता चल गया?

सवाल यह भी उठता है कि क्या कानून के जानकारों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस केस पर जानकारी ले ली थी, तभी एक दिन पहले कार्तिक कुमार से इस्तीफा ले लिया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोधाभासी बयान के बाद यह चर्चा आम हो गई है कि नीतीश कुमार को कोर्ट के ऑर्डर के बारे में कैसे पता चल गया? हालांकि मामला कोर्ट का है, ऐसे में बिहार के नेता कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading