मुजफ्फरपुर। बिहार औद्याेगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) के बेला औद्याेगिक क्षेत्र में 40 उद्याेग बंद कर दिए गए हैं। जांच के बाद प्राेडक्शन नहीं हाेने की रिपाेर्ट के आधार पर इन उद्याेगाें को मिली जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया है।
इस कार्रवाई से उद्यमियाें में भी काफी बेचैनी है। बियाडा अब इन उद्याेगाें काे अपने कब्जे में लेने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए बियाडा ने पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती के लिए एसडीओ पूर्वी काे पत्र लिखा है।
हालांकि, इस कार्रवाई के खिलाफ कई उद्यमियाें ने हाईकाेर्ट एवं इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काेर्ट (आईडीसी) की शरण ली है। उद्याेग मंत्री से मिलने का भी समय मांगा है। उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अनुसार, एक-दाे दिनाें में उद्यमियाें का एक दल पटना जाएगा।
बियाडा ने पिछले दिनाें एक आदेश जारी कर सभी उद्यमियाें से जीएसटी और बिजली बिल के कागजात जमा कराने काे कहा था। आनन-फानन में जांच भी करवाई गई।
बाद में उत्पादन नहीं करने वाले उद्याेगाें की लिस्ट बनाकर उन्हें मिली जमीन का आवंटन रद्द करने का नाेटिस जारी किया गया।

संघ के महामंत्री विक्रम कुमार ने कहा कि आंदोलन के बाद महागठबंधन सरकार में उद्याेग मंत्री बने समीर महासेठ ने आद्याेगिक क्षेत्र आकर खुद बियाडा अधिकारियाें काे आगे की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके बियाडा मनमानी कर रहा है।
आवंटन रद्द करने के बाद बियाडा ने कई उद्याेगाें के भवन पर यह संपत्ति बियाडा की है लिखा बाेर्ड चस्पाया है। संघ के अवनीश किशाेर ने कहा कि बिना सूचना के उद्याेगाें में ताले लटकाए जा रहे हैं। जबकि उद्यमियाें ने लाखाें रुपए देकर बियाडा से जमीन लीज पर ली है। फैक्ट्री के लाखाें कराेड़ की मशीन और अन्य सामान हैं। लघु उद्याेग भारती के प्रदेश महामंत्री सुमंत शेखर ने कहा कि बियाडा की यह कार्रवाई एकतरफा है। बेला इंडस्ट्रियल एरिया में ऐसा पहली बार हाेगा जब चालू उद्याेगाें काे भी जबरन कार्रवाई के नाम पर बंद करने के लिए बियाडा की तरफ से पत्र भेज कहा जा रहा है कि उद्याेग का आवंटन रद्द है। इसलिए उत्पादन बंद करें। कार्रवाई काे भी छिपाया जा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तब पता चला कि 40 उद्याेगाें का आवंटन रद्द किया गया है।
