बिजली के मामलों को लेकर एक बार फिर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार अपनों की नाराजगी से दो-चार हो रही है. बिजली उपभोक्ता बढ़े हुए बिलों को लेकर कंपनी पर नाराज हैं. इस बीच प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं.

उन्होंने कहा है कि जहां पर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर खराब हैं या लगाए नहीं गए वहां आंकलित खपत को बिना किसी परीक्षण के दो गुना करने की शिकायत मिली है. जिन उपभोक्ताओं के हर माह डेढ़ सौ यूनिट के आखिरी खपत का बिल आता है उन्हें 300 यूनिट का बिल दिया जा रहा है.

ऊर्जा मंत्री ने माना कि मैदानी स्तर पर बिजली कंपनी के अधिकारी मनमाने तरीके से घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल थमा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों के रवैये के कारण जनप्रतिनिधि और जनता में आक्रोश बढ़ रहा है और इसका विरोध हो रहा है.

आकृति खपत जिनमें घरेलू उपभोक्ता द्वारा आपत्ति की गई है ऐसे प्रकरण में बिजली कनेक्शन को काटा नहीं जाएगा. खराब मीटरों को तत्काल बदलकर मीटर रीडिंग के आधार पर ही बिजली के बिल जारी होंगे. अगर मीटर बदलना मुमकिन नहीं है तो उपभोक्ता के आवास का भौतिक परीक्षण करने के बाद ही बिल जारी होंगे.

इस बात की मिल रही शिकायत
दरअसल इस बात की शिकायत मिल रही है कि गैर घरेलू उपभोक्ताओं में 10 किलो वाट तक के कनेक्टेड लोड पर ज्यादा लोड की खपत मिल रही है. ऐसे में बिजली कंपनियों ने बिना कोई नोटिस जारी किए चोरी के प्रकरण बनाना शुरू कर दिए. इसे लेकर बढ़ रही नाराजगी के बाद ऊर्जा मंत्री तोमर ने चोरी के प्रकरण दर्ज करने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. ऊर्जा मंत्री ने बिजली कंपनियों को कहा है कि 10 किलो वाट के गैर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर में अधिकतम मांग खपत पाए जाने पर उपभोक्ताओं को नोटिस देकर सुनवाई का मौका दिया जाए. किसी भी तरीके से बिजली का कनेक्शन नहीं काटा जाएगा.
मंत्री ने कही ये बात
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कंपनियों के रवैये को लेकर जनप्रतिनिधियों और जनता नाराज है. ऐसे में बिजली कंपनियों को सूचित किया गया है कि वह उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन सिर्फ इस आधार पर न काटें कि उनका लोड बढ़ा हुआ है या फिर आंकलन के आधार पर दिए गए बिजली बिल नहीं दिए हैं. यदि ऐसा होता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी.

बीजेपी विधायक ने किया था विरोध
दरअसल बीते दिनों बीजेपी के विधायक सीताशरण शर्मा ने इटारसी, नर्मदापुरम में बिजली कंपनी के अफसरों की मनमानी और बिजली चोरी के झूठे प्रकरण बनाने पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. बीजेपी विधायक की शिकायत है कि बिजली कंपनियां मनमानी कर रही हैं और इसी को लेकर सीताशरण शर्मा ने बिजली कंपनियों के खिलाफ धरने की चेतावनी भी दी थी. लेकिन, अब सरकार इस मसले पर बैकफुट पर आ गई है.


