पटना. बिहार में बढ़े अपराध की खबरों के बीच तब हड़कंप मच गया जब पटना के कंकड़बाग से एक साथ दो लोगों के अपहरण की खबर सामने आई. किडनैपिंग की इस वारदात को 90 फीट इलाके में स्थित मेडिविजन अस्पताल में अंजाम दिया गया. यहां से अस्पताल के दो निदेशकों का अपहरण गन पॉइंट पर कर लिया गया था. घटना की खबर मिलते ही पटना पुलिस एक्शन मोड में आ गई. हालांकि, बेगूसराय शूटआउट की घटना को लेकर पहले ही चौकन्नी पुलिस की टीम ने सारण जिले के डेरनी थाना क्षेत्र के एक गैरेज से दोनों को रिहा करा लिया.

मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में महिला समेत तीन अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसमें पेशेवर अपराधी संदीप ओझा का नाम भी शामिल है. संदीप के बारे में जो जानकारी मिली है इसके अनुसार वह हाल में जेल से छूटा था. महिला के पास से साढ़े चार लाख रुपये भी बरामद किए गए. सारण के एएसपी अंजनी कुमार ने बताया कि पटना पुलिस की सूचना के दो घंटे के भीतर अपहृत युवकों को मुक्त करा लिया गया. उन्हें पटना पुलिस के हवाले कर दिया गया है. अपहृत हॉस्पिटल संचालक के परिवार से दस लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी.

डायरेक्टर चैंबर से उठा ले गए बदमाश
पटना पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को आधी रात के बाद चार बदमाश अस्पताल में घुस गए. उस वक्त डायरेक्टर चैंबर में रवि रंजन और सुभाष बैठे थे. हथियार के बल पर अपराधियों ने दोनों को कब्जे में ले लिया और गाड़ी में बिठाकर साथ लेते चले गए. इसके बाद दोनों के मोबाइल भी छीन लिए गए. अस्पताल से निकलते ही अपराधी अपहृतों के मोबाइल से उनके परिवारवालों को 10 लाख रुपये फिरौती के लिए कॉल भी करने लगे.

पुलिस ने टीम बनाकर छापेमारी शुरू की
मिली जानकारी के अनुसार सारण पहुंचने तक अपहरणकर्ताओं ने लगभग 10 बार रवि रंजन और सुभाष के घरवालों को कॉल किए. इधर, घटना के तुरंत बाद अस्पताल कर्मियों ने कंकड़बाग थाने को सूचना दी. पुलिस ने तुरंत मोबाइल की लोकेशन ली और उसके आधार पर परसा, गरखा और डेरनी में टीम बनाकर छापेमारी शुरू कर दी गई.

कॉल लोकेशन ट्रेस कर ठिकाने का पता लगाया
बताया जाता है कि पुलिस जैसे ही टावर लोकेशन के आधार पर मोटर गैरेज में पहुंची कि उनकी नजर बाहर खड़ी गाड़ी पर पड़ी. दो अपहरणकर्ता साक्ष्य मिटाने के लिए गाड़ी को अंदर से साफ कर रहे थे. उनकी निशानदेही पर गैराज के अंदर एक कमरे से रवि रंजन और सुभाष को मुक्त कराया गया. वहां से एक महिला की भी गिरफ्तारी हुई, जिसके हाथ में नकदी भरा झोला था.

सारण पुलिस ने मामले में किया अहम खुलासा
सारण पुलिस ने बताया कि कुछ महीने पहले छपरा में एक एंबुलेंस मालिक सह चालक की हत्या कर दी गई थी. इसमें विनोद और रितिक का नाम भी प्रमुख तौर पर सामने आया था. ये दोनों मेडिविजन अस्पताल से जुड़े हैं. उस समय रुपयों के लेन-देन में विवाद के बाद हत्या कर दिए जाने जाने की बात सामने आई थी. इस संबंध में पटना पुलिस को जानकारी दी गई है.

