बिहार: थानेदार ने रे’पिस्टों को बचाया, डीआईजी ने जांच की, एसपी ने SHO को किया स’स्पेंड

गोपालगंज. गोपालगंज पुलिस पर आरोप है कि उसने रेप के दोषियों को बचाने की कोशिश की है. पीड़िता की शिकायत पर सारण डीआईजी एन कन्नन ने मामले की जांच की है. जांच के बाद बैकुंठपुर में तत्कालीन और वर्तमान में विजयीपुर में थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं सदर एसडीपीओ संजीव कुमार को तलब करते हुए अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. एसपी आनंद कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है.

गोपालगंज: सस्पेंड हुए थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार (फाइल फोटो)

एक युवती के साथ 13 अगस्त 2021 को रेप हुआ. मामले में पीड़िता के पिता ने बैकुंठपुर थाने में कांड संख्या 242/21 दर्ज कराया. पुलिस ने इसमें आईपीसी की धारा 341, 504, 506, 359 (सी), 60 आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए बैकुंठपुर थाने के रेवतीथ गांव के मुबारक हुसैन, सद्दाम हुसैन और पूर्वी चंपारण के खजुरिया थाने के हुसैनी गांव के रहनेवाले हमीद अंसारी को अभियुक्त बनाया. आरोप है कि थानेदार ने आरोपितों की मदद करने के उद्देश्य से रेप की संगीन धारा 376 नहीं लगाई. अभियुक्तों को सहयोग करने के लिए वरीय अधिकारियों को सूचना दिए बगैर कोर्ट में 164 का बयान कराया गया.

वीडियो वायरल से आहत पीड़िता करने जा रही थी सुसाइड
पीड़िता के पिता ने बैकुंठपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए कहा कि शादी का झांसा देकर गंदा काम करने के बाद वीडियो वायरल किया गया. वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता सुसाइड करने जा रही थी, जिसे गांव के ग्रामीणों को देख लिया उसकी जान बचा ली. इतना कुछ होने के बाद ही पुलिस गंभीर नहीं हुई और अभियुक्तों को बचाने के लिए संगीन धारा को एफआईआर में छोड़ दिया गया.

प्रशांत कुमार हुए निलंबित
बैकुंठपुर में थानाध्यक्ष रहते हुए प्रशांत कुमार पर अभियुक्तों को बचाने का आरोप लगा. इसके बाद वे विजयीपुर थाने की कमान संभाल रहे थे. एसपी आनंद कुमार ने थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार को निलंबित कर दिया और नागेंद्र सहनी को विजयीपुर थाना की कमान सौंपी है. डीआईजी के एक्शन के बाद पीड़िता को इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है.

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