बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों में सप्ताह में एक दिन बच्चे बिना बस्ते (स्कूल बैग) के क्लास रूम में आएंगे। बच्चों के लिए खेलकूद पीरियड भी अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि साप्ताहिक नो बैग डे में बच्चों के लिए कार्य आधारित व्यावहारिक कक्षाएं होंगी। सप्ताह में कम से कम एक बार, छात्र केवल अपने टिफिन बाक्स के साथ ही स्कूल आएंगे।
इस खास दिन बच्चों को स्कूल में किताबें ले जाने की जरूरत नहीं होगी। दिन व्यावहारिक और अनुभवात्मक चीजें सीखने के लिए समर्पित होगा। इस तरह की नीति का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करना है, जो उनके सीखने पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। राज्य के सभी 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों एवं 9,360 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह चीज लागू की जाएगी। बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार कई तरह के नवाचारों का इस्तेमाल कर रही है।
इस व्यवस्था पर विभाग पहले से तैयारी में जुटा है, जिसे जल्द सभी विद्यालयों में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी विद्यालयों को ऐसी गतिविधियों के लिए पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। सरकार का यह पहल निश्चित रूप से छात्र-छात्राओं में सकारात्मक बदलाव लाएगा, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में भी सुधार होगा।
अपर सचिव ने बताया कि क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हमारे छात्रों के प्रभावशाली प्रदर्शन से उत्साहित होकर, हम विद्यालयों में अनिवार्य खेल पीरियड शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रविधान के अनुरूप है और इसे सरकारी और निजी दोनों विद्यालयों में लागू किया जा रहा है। विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है और इस पर शिक्षा मंत्री से सहमति ली जाएगी। तब इसकी अधिसूचना जारी होगी।

