भारत-नेपाल सीमा पर पश्‍चिम चंपारण में किसानों ने दूसरे दिन भी ने’पालियों का रास्ता रो’का

पश्चिम चंपारण में भिखनाठोरी स्थित भारत-नेपाल सीमा पर किसानों ने डे’रा जमाया है। बीती रात सीमा क्षेत्र के विभिन्न रास्तों पर किसान नि’गरानी में लगे रहे। भवानीपुर, खैरटिया और एकवा के किसान इस समस्या के समाधान होने तक आं’दोलन की तैयारी में हैं।

भिखनाठोरी में मुख्य रास्ते पर बांस लगाकर रास्ता बंद करते किसान। फोटो-जागरणवे समूह बनाकर उन रास्तों पर नि’गरानी कर रहे हैं, जिनसे नेपालियों का भारतीय क्षेत्र में आना जाना होता रहा है । दोनों क्षेत्र के बाजार भी प्रभावित हुए हैं। भारतीय क्षेत्र के किसान नेपाल द्वारा 28 अगस्त से पंडई नदी से निकले नाले को बं’द करने और समाधान में टा’लमटोल करने से ना’राज हैं ।

बीते रविवार को नेपाल के ठोरी में आयोजित वार्ता में शामिल नहीं होने और समस्या को टालमटोल कर उलझाए रखने से किसान आक्रोशित हो गए। उन्होंने नेपाली नागरिकों के प्रवेश को रोक दिया।

उनका कहना है कि जब तक नाले से उस नाले में पानी नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक इस क्षेत्र में नेपालियों का प्रवेश नहीं होने देंगे। किसानों ने रास्ता बंद करते हुए करीब दस किलोमीटर लंबी सीमा से जुड़े सभी रास्तों पर नि’गरानी बढ़ा दी है। केवल भिखनाठोरी में आठ जगह किसान पुआल बि’छाकर बैठे हैं।

इस क्षेत्र से भी नेपाल जा’नेवाले लोगों को मना कर दिया गया है। उधर, एसडीएम धनंजय कुमार, एसडीपीओ कुंदन कुमार कई पदाधिकारियों के साथ बॉर्डर पर पहुंचे। वहां एसएसबी कैंप में अधिकारियों से बातचीत की।

एसडीएम ने बताया कि पानी के विवाद को लेकर दोनों क्षेत्र के लोगों के बीच बैठक होनी थी , जो नहीं हुई। किसान उनके द्वारा पानी बंद किए जाने से नाराज होकर अपने क्षेत्र से उन्हें सामग्री ले जाने पर रो’क लगा दिए है। उन्होंने बताया कि बॉर्डर क्षेत्र में शांति बनाए रखने में बीडीओ और पुलिस को स्थिति पर नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया है।

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