महाअष्टमी को गोपालगंज के थावे मंदिर में बे’काबू हुई भी’ड़, कई श्रद्धालु दबकर ज’ख्मी

गोपालगंज. सोमवार को पूरे देश भर में महाष्टमी की धूम है. हर तरफ मां महागौरी की पूजा हो रही है. दुर्गा मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ है. बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे वाली के दरबार में भी भक्तों की भारी भीड़ जुटी है. रात के दो बजे से मंदिर के बाहर लंबी कतारें लगीं हैं. बेकाबू भीड़ के आगे पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था फेल हो गई. वहीं प्रशासन की ओर से सुरक्षा में लापरवाही भी बरती जा रही है. आरती के बाद गोपालगंज के थावे मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. कई महिला श्रद्धालु निकास गेट पर दबकर जख्मी हो गईं. हालांकि पुजारियों ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया.

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स्काउट के बच्चों के भरोसे मंदिर की सुरक्षा

थावे मंदिर सुरक्षा को लेकर पहले से संवेदनशील है. नवरात्रि में यहां होने वाली भीड़ के मद्देनजर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गयी है, लेकिन सोमवार की सुबह में आरती के वक्त तक कोई भी पदाधिकारी और मजिस्ट्रेट मंदिर की सुरक्षा में नजर नहीं आया. लिहाजा स्काउट गाइड के 40 छात्रों के भरोसे रविवार की देर रात से ही मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस कारण मंदिर में काफी देर तक अफरातफरी की स्थिती बनी रही.

महाअष्टमी पर किया गया भव्य श्रृंगार

महाअष्टमी के मौके पर मां महागौरी की पूजा हो रही है. मां थावे वाली की दिव्य श्रृंगार की गयी है. माता की श्रृंगार यहां के माली कलकता फूल भंडार के संचालक अशोक कुमार द्वारा की जाती है. वैसे तो सालों भर यहां माता का श्रृंगार किया जाता है, लेकिन नवरात्र में विदेशी और देसी फूलों से भव्य श्रृंगार किया जा रहा है, जो भक्तों को खूब लूभा रहा है.

महानिशा पूजा आज, हथुआ राज का चढ़ेगा पहला पूजा

थावे मंदिर में महानिशा पूजा आज रात के 12 बजे होगी. महानिशा पूजा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. हथुआ राज की ओर से महानिशा पूजा की रात पहला पूजा चढ़ाया जायेगा. हथुआ राज मां थावे वाली को अपना कुल देवी मानता है, यही वजह है कि मां थावे वाली को पहली पूजा हथुआ राज की ओर से दी जाती है.

रात 1 बजे से शुरू होगा हवन

थावे मंदिर में हवन कुंड बनकर तैयार हो गया है. रात के एक बजे से हवन होगा. महानिशा पूजा के बाद हवन मंदिर के बाहर होगा. हवन कुंड को चारों तरफ से घेरकर सुरक्षित किया गया है. रात 12 बजे के बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जायेगी. नवमी को हवन करने के लिए बिहार के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल और नेपाल से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

 

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