गोपालगंज. बिहार के दर्जनों जिले डेंगे से प्रभावित हैं. गोपालगंज जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां लगातार डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले दो महीने की बात करें तो यहां 300 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. इनमें से अधिकतर लोग इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख कर रहे हैं. गोपालगंज के सदर अस्पताल से लेकर प्राइवेट क्लीनिक में बुखार के ही सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं. डेंगू के लगातार बढ़ रहे प्रकोप से जिलेवासियों में दहशत का माहौल है.गोपालगंज नगर परिषद की ओर से फॉगिंग करने में कोताही बरती जा रही है. नगर परिषद के कर्मी फॉगिंग मशीन की कमी का रोना रो रहे हैं और इधर हालात बिगड़ती जा रही है.
नगर परिषद के पास फॉगिंग के लिए है मात्र 6 मशीन
गोपालगंज नगर परिषद के अधीन 28 वार्ड आते हैं. डेंगू से बचाव को लेकर मात्र छह मशीन से फॉगिंग करवाया जा रहा है. ऐसे में अगर एक वार्ड के सभी मोहल्ले में फॉगिंग करायी जाये तो भी सात से आठ दिन लग जायेंगे. हालांकि एक वार्ड के सभी मोहल्ले में एक मशीन से फॉगिंग करा पाना संभव प्रतीत नहीं होता है. शहर के ऐसे कई मोहल्ले हैं जहां दो महीने में अभी तक फॉगिंग नहीं कराई गई है. लोगों का कहना है कि नगर परिषद के द्वारा यहां अभी तक फॉगिंग नहीं करवाया गया है. यह नगर परिषद की लापरवाही को दर्शाता है.

कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि शहर में अभी आठ मशीनों के जरिये फॉगिंग कराई जा रही है. फॉगिंग करने वाले कर्मी से बात की गई तो उसने बताया की छह मशीन से फॉगिंग होती है. पुरानी सभी मशीनें खराब हैं.

फॉगिंग में नकली केमिकल के उपयोग का लगा आरोप
शहर के हजियापुर वार्ड संख्या 26 निवासी रितेश कुमार सिंह बताते है अभी तक नगर परिषद के द्वारा मोहल्ले में फॉगिंग नहीं करवाया गया है जिसके कारण डेंगू की चपेट में आने का भय बना रहता है. वहीं, शहर के पुरानी चौक वार्ड संख्या 20 निवासी राजीव कुमार ने बताया कि मोहल्ले में यदि फॉगिंग करवाया भी जाता है तो उससे कुछ असर नहीं होता है. राजीव कुमार ने आगे बताया कि असर नहीं होने का मुख्य कारण यह है कि नगर परिषद के द्वारा नकली केमिकल का उपयोग किया जाता है.
कर्मियों की कमी से जूझ रहा है नगर परिषद
संदीप कुमार ने बताया कि शहर में अभी आठ मशीनों के जरिये फॉगिंग कराई जा रही है जो शहर में फॉगिंग के लिए काफी है. जरूरत पड़ेगी तो और मशीनें उपलब्ध कराई जायेगी. सभी वार्डों में फॉगिंग का कार्य तेजी से करवाया जा रहा है ताकि शहर के लोगों को डेंगू के प्रकोप से बचाया जा सके. जब उनसे सवाल किया गया कि बहुत सारे ऐसे वार्ड हैं जहां अभी तक दो महीने में भी फॉगिंग नहीं कराई गई है तो उन्होंने बताया कि नगर परिषद में कर्मियों की कमी है जिसके चलते यह नहीं हो पाया है. जितना कर्मी रहेंगे उसी के हिसाब से न काम कराया जाएगा.
डेंगू के खतरे को इस प्रकार करें पहचान
सदर अस्पताल में कार्यरत मेडिसिन विभाग के डॉ. सनाउल मुस्तफा ने बताया कि अचानक तेज सिरदर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामले में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना और त्वचा पर चकत्ते उभरना डेंगू के लक्षण हैं. इसका तुरंत इलाज करना जरुरी है. डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए और अस्पताल में जाकर उचित इलाज करानी चाहिए.

