पंचम केंद्रीय वेतनमान के तहत सरकारी पेंशन प्राप्त कर रहे सेवानिवृत्त सरकारी कर्मियों को 396 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। इस संबंध में वित्त विभाग की ओर से सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसका भुगतान एक जुलाई 2022 से होगा। यह बढ़ोतरी पारिवारिक पेंशभोगियों पर भी लागू होगी। इससे पहले पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते के रूप में 381 प्रतिशत भुगतान किया जाता था। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर को पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में 396 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने इसी को लागू किया है। वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार बढ़ी हुई राशि का नकद भुगतान होगा। कोषागार पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे किसी प्राधिकार के आदेश की प्रतीक्षा किए बिना औपबंधिक रूप से बकाये का भुगतान करना शुरू कर दें।
केंद्र ने 12 अक्टूबर को की थी बढ़ोतरी
एक अन्य अधिसूचना के माध्यम से वित्त विभाग ने छठे केंद्रीय वेतनमान के तहत पेंशन पाने वाले कर्मियों के लिए 212 प्रतिशत महंगाई भत्ते के भुगतान का आदेश दिया है। अब तक इन्हें 203 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाता था। केंद्र सरकार ने यह बढ़ोतरी इस साल 12 अक्टूबर को की थी। इस श्रेणी के पेंशनभोगियों को भी बढ़ी हुई राशि का नकद भुगतान किया जाएगा। अधिसूचना के मुताबिक पटना उच्च न्यायालय, विधानसभा एवं विधान परिषद के पूर्व कर्मियों के मामले में क्रमश: मुख्य न्यायाधीश, विधानसभा अध्यक्ष एवं विधान परिषद के सभापति निर्णय लेंगे।
केंद्र से मांगी शिक्षकों के वेतन मद में कटौती की राशि
बीते वित्तीय वर्ष में शिक्षकों के वेतन मद में 1295 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई थी। बिहार सरकार ने उक्त राशि को जारी करने की मांग केंद्र सरकार से की है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। हालांकि इस राशि का मसला केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के समक्ष भी उठाया जा चुका है, तब उन्होंने राशि उपलब्ध कराने को लेकर सकारात्मक संकेत दिया था।
शिक्षाा विभाग के मुताबिक समग्र शिक्षा अभियान के तहत 2018-19 से शिक्षकों के वेतन मद में भारी कटौती के मामले की ओर भी केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। केवल शिक्षकों के वेतन मद एक हजार करोड़ से भी अधिक की राशि केंद्र सरकार के पास लंबित है। इसी तरह विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों हेतु सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने पर केंद्र द्वारा 295 करोड़ रुपये भी लंबित हैं। यह राशि एक जनवरी, 2016 से 31 मार्च, 2019 तक के बढ़े हुए वेतन की राशि का 50 प्रतिशत है, जो केंद्र को देना है। इसी तरह मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत रसोइयों का मानदेय बढ़ाने का आग्रह भी केंद्रीय मंत्री से किया गया है।





