मुजफ्फरपुर। जिला उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को नि’गरानी अन्वेषण ब्यूरो के धा’वा दल ने बुधवार की शाम जिला उद्योग केंद्र बेला स्थित उसके कार्यालय में 20 हजार रुपये घू’स लेते गि’रफ्तार किया। वह मूल रूप से जहानाबाद जिला के घोसी का रहने वाला है।
वह मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग लगाने के लिए ऋण की दूसरी किस्त जारी करने के लिए रिपोर्ट देने को लेकर करजाडीह गांव के नितेशचंद्र रंजन से 20 हजार रुपये घू’स के रूप में ले रहा था। इस संबंध में नितेशचंद्र रंजन ने 17 नवंबर को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शि’कायत दर्ज कराई थी।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक अरुणोदय पांडेय ने बताया कि शिकायत के सत्यापन के बाद उनके नेतृत्व में 11 सदस्यीय धा’वा दल का गठन किया गया था। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए हरीश कुमार को पटना स्थित ब्यूरो के कार्यालय ले जाया जा रहा है। गुरुवार को उसे मुजफ्फरपुर के विशेष न्यायालय (निगरानी) में पेश किया जाएगा।
डीएसपी अरुणोदय पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत ऋण की द्वितीय किस्त जारी कराने को लेकर नितेशचंद्र रंजन को 20 हजार रुपये घू’स की राशि लेने के लिए बुधवार को बुलाया गया था।
घू’स की राशि लेते मौके पर ही उसे गि’रफ्तार करने के लिए 11 सदस्यीय निगरानी टीम भी वहां पहुंची थी। बुधवार की दोपहर लगभग दो बजे घू’स की राशि देने के लिए नितेश रंजन जिला उद्योग केंद्र बेला स्थित हरीश कुमार के कार्यालय पहुंचा था।
उसी समय निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम भी जिला उद्योग केंद्र के आसपास तै’नात हो गई। किसी को श’क न हो इसलिए टीम में शामिल सदस्य अलग-अलग स्थानों से कार्यालय पर नजर रख रहे थे। उस समय हरीश कुमार कार्यालय में नहीं था।
वह क्षेत्र में गया था। उसे मोबाइल पर काल कराया गया तो शाम में आने की बात बताई। ब्यूरो की टीम लगभग साढ़े तीन घंटे तक उसका इंतजार करती रही।
शाम लगभग 5.50 बजे वह अपने कार्यालय में आया। कार्यालय में ही वह नितेशचंद्र से 20 हजार रुपये घू’स लिया। तभी ब्यूरो की टीम ने वहां धा’वा बोल दिया और रं’गेहाथ उसे प’कड़ लिया।


