एक विवाह ऐसा भी : बेटे की शादी पर बेवजह खर्च की जगह रिटायर्ड शिक्षक ने गरीब छात्राओं को दिए 1 लाख रुपये

मधेपुरा. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग दिखावे के लिए शादी-ब्याह में लाखों-करोड़ों खर्च कर खाने-पीने से लेकर गीत-संगीत आदि का कार्यक्रम करते हैं. लेकिन, मधेपुरा के एक सेवानिवृत शिक्षक ने बेटे के शादी के उपलक्ष्य में 10 गरीब जरूरतमंद मेडिकल और इंजीनियरिंग की छात्राओं के बीच 10-10 हजार रुपये का चेक दे कर एक नई परंपरा की शुरुआत की है. दरअसल मधेपुरा एसएनपीएम + 2 विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य रहे डॉ. निरंजन कुमार शिक्षा ग्रहण करने के दौरान गरीब और निर्धन छात्र-छात्राओं की परेशानी को नजदीक से देखा और परखा है. यही वजह है कि उन्होंने गरीब छात्राओं की मदद का निर्णय लिया.

रिटायर्ड शिक्षक ने बेटे की शादी पर 10 मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्राओं के बीच 1 लाख की राशि वितरित की.

बता दें, इससे पहले भी डॉ. निरंजन कुमार अपनी बेटी की शादी में स्कूली शिक्षा से जुड़ी 10 छात्राओं को 5-5 हजार रुपये का चेक दे चुके थे. लेकिन, इस बार जब बेटे की शादी उन्होंने आदर्श तरीके से की तो मेडिकल और इंजीयरिंग के मेधावी गरीब छात्राओं को सहायता करने का मन बनाया. इसके लिए मधेपुरा जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज और बीपी मंडल इंजीनियरिंग कालेज मधेपुरा के प्राचार्य से 5-5 छात्राओंकी सूची लिए और उन्हें 10-10 हजार का चेक दिया.

10 मेडिकल-इंजीनियरिंग के छात्राओं के बीच बांटी राशि 

डॉ. निरंजन के पुत्र नितेश मानव इंजिनियर हैं और उनकी बहू खुशबू खंडेलवाल बेंकर हैं. ये लोग राजस्थान के जयपुर में रहते हैं. बीते 2 दिसंबर को इनकी शादी हुई थी. बीती रात मधेपुरा में मेडिकल कालेज के निकट उनके घर  पर वर-वधु का स्वागत का कार्यक्रम रखा गया, जहां 10 मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्राओं के बीच 1 लाख की राशी वितरित हुई. इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने डॉ निरंजन कुमार के प्रयास की सराहना की.

छात्राओं ने भी शिक्षक का जताया आभार 

बीपी मंडल इंजिनियर कालेज के आंचल कुमारी, कल्पना कुमारी, खुशबू कुमारी गुप्ता, भारती कुमारी और स्तुती आंचल और जेएनकेटी मेडिकल कालेज के शहजादी समर, साक्षी कुमारी, प्रियंका कुमारी, श्रेया रानी, कुसुम रजक को 10-10 हजार का चेक दिया गया. चेक पाकर छात्राओं ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज शिक्षा काफी मंहगी हो गई है. छात्रा श्रेया रानी ने कहा कि सरकारी कालेज के होने के बाद भी कई खर्च होते हैं जिसके लिए सोचना पड़ता है. ऐसे में यह मदद हमारे लिए एक तरह से बड़ी राहत होगी.

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