मुजफ्फरपुर. बिहार में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के तमाम दावे किए जाते रहे हैं. लेकिन, मुजफ्फरपुर का सदर अस्पताल हमेशा सवालों के घेरे में रहता है. यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई लगती है. दरअसल, कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि मातृ शिशु अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मोबाइल की रोशनी मे काम किया जाता है. अस्पताल में कई-कई दिनों तक बिजली नहीं रहती और स्वास्थ्य प्रबंधक को इसकी कोई चिंता भी नहीं दिखती है.

इसी तरह का मामला एक बार तब सामने आया जब बीते दिनों मिशन 60 के तहत राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम एक तरफ जांच कर रही थी. वहीं दूसरी तरफ मातृ शिशु अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मोबाइल की रोशनी में काम किया जा रहा था. ड्यूटी पर मौजूद एएनएम ने बताया कि पिछले तीन दिन से लाइट खराब है जिसके कारण टॉर्च और मोबाइल के लाइट से काम चलाना पड़ रहा है. पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डा यू सी शर्मा का कहना है कि हॉस्पिटल प्रबंधक पर कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव स्वास्थ्य विभाग में सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे तो करते रहते हैं, लेकिन उन दावों से खासा कुछ सुधार देखने को नहीं मिलता है. वहीं, सदर अस्पताल से इससे पहले भी इस तरह की कई तस्वीरें सामने आई हैं. कुछ दिन पहले ही मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में 112 नंबर पर कॉल करने पर बोला गया कि अभी एम्बुलेंस अस्पताल में मौजूद नहीं है तो परिजनों ने मरीज को ठेला से इलाज कराने के लिए अस्पताल तक पहुंचाया था.






