दिल्ली : बिहार के छपरा में ज’हरीली शराब से अबतक 70 से अधिक लोगों की मौ’त हो चुकी है हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 38 मौ’तों की बात सामने आ रही है। हालांकि बीजेपी ने सरकार पर मौ’त के आंकड़ों को छि’पाने का आ’रोप लगाते हुए कहा है कि छपरा में ज’हरीली शराब से डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौ’त हुई हैं।
बीजेपी की मांग है कि सरकार पीड़ित परिवारों को उचित मु’आवजा दे हालांकि सरकार मुआवजा देने को तैयार नहीं है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या तो अ’हंकारी हो गए हैं या फिर ह’ताशा में आ गए हैं।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार या तो अ’हंकारी हो गए हैं या फिर ह’ताशा में आ गए हैं। अगर नीतियां सफल नहीं हो रही हैं तो किसी भी शासक को उसपर पुनर्विचार करने की जरूरत होती है।
बिहार में हर जगह शराब बन रही है और खुलेआम बिक रही है। शासन इकबाल से चलता है लेकिन बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल ख’त्म हो चुका है। बिहार में शराब वह भगवान की तरह है, जो है तो हर जगह लेकिन नीतीश कुमार को दिखाई नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की दु’र्दशा के कारण छपरा की घ’टना हुई है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि जो पिएगा वह मरेगा, तब तो बिहार में कोई जरुरत ही नहीं है लॉ एंड ऑर्डर का। मुख्यमंत्री बिहार के सभी थानों को बंद कर दें।

मुख्यमंत्री इतनी हल्की बात बोलते हैं कि लोगों में गु’स्सा आ रहा है। नीतीश कुमार अगर पी’ड़ित परिवारों को मु’आवजा नहीं देते हैं और शराब नीति पर फिर से विचार नहीं करते हैं तो इसका बड़ा खा’मियाजा उन्हें भु’गतना होगा।



