पूर्वी चंपारण. बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के रामगढ़वा थाना इलाके में शुक्रवार शाम ईंट फैक्ट्री में हुये भीषण चिमनी ब्लास्ट की घटना में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन ने मलबे से अब तक 8 लोगों के शव को निकाला है. हालांकि देर रात से घने कोहरे और ठंड के कारण जिला प्रशासन टीम को राहत बचाव करने में परेशानी हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार सुबह में अब तक राहत बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि मौके पर जिला प्रशासन और एसडीआरएफ़ की टीम कल रात से ही तैनात है. जल्द ही मलबे को हटाने का काम शुरू कर नुकसान का आंकलन किया जाएगा.

बता दें, शुक्रवार को मोतिहारी के रामगढ़वा इलाके में एक ईंट फैक्ट्री में काम करने के दौरान एकाएक चिमनी गिर गया, जिसमें दर्जनों लोग दब गये. देर रात तक आठ शवों को मलबे से निकाला गया. वहीं रात होते ही अंधेरा हो जाने के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बताया जाता है कि पूर्वी चम्पारण के रामगढवा प्रखंड के नारीरगिर गांव के सरेह में तीन पार्टनर मिलकर चिमनी चलाते हैं. दोपहर के बाद से राउण्ड के लिए चिमनी के नीचे ईट पकाने के लिए कच्चे ईंट को सजाया जा रहा था, जिसमें दर्जनों मजदूर काम कर रहे थे कि एकाएक उद्योग का चिमनी भरभरा कर गिर पडा.

मोतिहारी के जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक ने बताया कि मौके पर राहत टीम तैनात है. लेकिन, ठंड और कोहरे के कारण मलबा हटाने में परेशानी हो रही है. अब तक 8 लोगों के शव को निकाला जा चुका है. जल्द ही मलबा हटाया जाएगा. इस मामले में एडीएम रैंक के तीन अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. अधिकारी जांच के बाद घटना का कारण और इससे हुये नुकसान को लेकर जल्द ही रिपोर्ट जारी करेगी.
तेज आवाज के साथ चिमनी के गिरने से लोगों के भागने का भी समय नहीं मिला और काम कर रहे मजदूर दब गये. काम के दौरान चिमनी के दो पार्टनर मौके पर मौजूद थे. घटना में दोनो पार्टनर मो. ईरशाद और नुरुल हक गम्भीर रुप से जख्मी हो गये है जिन्हें रक्सौल के एसआरपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके अलावे चिमनी के मलबे में दबे एक दर्जन से अधिक मजदूरों को रामगढवा और रक्सौल पीएचसी में इलाज किया जा रहा है. नारीरगिर गांव के इस ईंट फैक्ट्री का चिमनी करीब 100 फीट ऊंचा जिसमें करीब आधा यानि 50 फीट टूट कर गिरा है. रक्सौल के एसडीओं और डीएसपी सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहूंचकर राहत और बचाव कार्य को चला रही है.
इघर घटना कैसे हुई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एकाएक विस्फोट हुआ और चिमनी गिर पडा. बताया जाता है कि आज से ईंट फैक्ट्री शुरू की गयी थी. ईंट पकाने के काम शुरू करने के पहले चिमनी की जांच नहीं की गयी थी, जो धुंआ के दवाब के साथ भरभरा कर गिर पड़ा. इधर घटना की सूचना के बाद डीएम और एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने इलाजरत लोगों का भी हाल जाना.

बता दें, इस भीषण हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मौके पर डॉक्टरों की टीम की तैनात कर दी है. साथ ही गंभीर रूप से जख्मी लोगों को इलाज में ले जाने के लिये दस एंबुलेंस की तैनाती की है. कड़ाके के ठंढ और घने कोहरे के कारण राहत और बचाव कार्य को सुबह तक रोक दिया गया. लेकिन, मलबा हटाने का काम सुबह साढ़े आठ बजे तक शुरू नहीं हो सका है, जिसकी वजह घना कोहरा और कड़ाके की ठंढ बतायी जा रही है. दरअसल हादसे वाले स्थान पर कोहरे के कारण विजिबलिटी 10 मीटर भी नहीं है.



