काशी से गंगा विलास क्रूज पटना साहिब पहुंचा, इन जगहों पर विदेशी पर्यटक करेंगे भ्रमण

पटना: नदी मार्ग से विश्व की सबसे लंबी यात्रा पर निकले गंगा विलास क्रूज पर सवार विदेशी पर्यटकों का दल पटना सिटी के तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब पहुंचा, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विदेशी पर्यटकों को गुलाब भेंट कर उनका भव्य स्वागत किया. विदेशी सैलानियों का दल तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब दर्शन के आलावा आज गोलघर, पटना संग्रहालय और महावीर मंदिर का भी दर्शन करेंगे.

स्विट्जरलैंड और जर्मनी के सैलानियों के दल ने तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में मत्था टेक कर गुरु घर की खुशियां प्राप्त की. इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने विदेशी सैलानियों को सिरोपा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया. भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के भव्य स्वागत से विदेशी सैलानी खासे प्रसन्नचित्त नजर आए. इस मौके पर स्विट्जरलैंड की महिला पर्यटक रेकुला और मैरी ने बताया कि यहां पहुंच कर उन्हें बहुत अच्छा लगा. यहां के लोगों के भव्य स्वागत से उन्हें काफी खुशी हुई, जो सचमुच दिल को छू लेने वाला अहसास है.

गौरतलब है कि बीते, 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 52 दिनों के सफर पर निकले ‘गंगा विलास क्रुज’ को वाराणसी में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. ‘गंगा विलास क्रूज’ वाराणसी से चलकर 3200 किलोमीटर की सफर तय कर असम के डिब्रूगढ़ बोगीबील बंदरगाह पहुंचेगा. रास्ते में भारत और बांग्लादेश के बीच 27 दिनों से होकर यह जहाज गुजरेगा. 15 दिनों तक बांग्लादेश की जल सीमा में यात्रा करने के बाद गंगा विलास राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या दो के ब्रह्मपुत्र नदी में प्रवेश करेगा, यहां से गंगा विलास क्रुज असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा.

स्विट्जरलैंड के पर्यटक पीटर का कहना था कि लोगों के भव्य स्वागत से वह बहुत गौरवांतित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत बहुत सुंदर देश है, और वह दोबारा फिर भारत आना आना चाहेंगे. मौके पर मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा की प्रधानमंत्री के इस नए प्रयोग से जहां देश में पर्यटन का विकास होगा, वहीं रोजगार काफी सृजन हो सकेगा. उनका कहना था कि इस मुहिम से विदेशी पर्यटक भारत की सांस्कृतिक धरोहरों से भी परिचित हो सकेंगे.

 

 

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