मुजफ्फरपुर. पुराने समय से ही भक्तों की आस्था का केंद्र बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर रहा है. यहां महाशिवरात्रि का आयोजन हर साल कुछ न कुछ विशेष आकर्षकण लेकर आता है. इस साल भी बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर में बाबा भोले की भव्य बारात निकाली जाने वाली है. महाशिवरात्रि पूजा के अवसर पर भगवान शंकर के लिए 4 फीट के विशेष ‘मौउरी’ को तैयार करने में 10 दिन का समय लगा है.
सुप्रीम कोर्ट बाबा बैद्यनाथ के हाईकोर्ट कहे जाने वाले गरीबनाथ धाम में इस मौउरी को बनाने की परंपरा लगभग 50 साल पुरानी है. मौउरी बनाने वाले रंजन कुमार बताते हैं उनके दादा गनौर साह के वक्त से बाबा गरीबनाथ के विवाह के लिए मौउरी बनाया जा रहा है. पीढ़ी दर पीढ़ी यह परंपरा आगे बढ़ रही है. असल में यह एक खास तरह का मुकुट या सेहरा है, जिसे यहां की बोली में मौउरी कहा जाता है.
रंजन ने कहा ‘गनौर साह के बाद फग्गुन साह फिर राम नारायण साह और अब हम सभी भाई मिलकर मौउरी तैयार कर रहे हैं. बाबा गरीबनाथ की कृपा से ही उनका खानदान सालों से मौउरी बनाता आ रहा है. हर बार महाशिवरात्रि के लिए बाबा की दो मौउरी तैयार की जाती है, जिसमें एक बाबा की बारात के लिए और दूसरा विवाहोत्सव के लिए बनाया जाता है.’
बारात में भक्त बनते हैं भूत-पिशाच
बाबा गरीब नाथ मंदिर से जुड़े श्रद्धालु बताते हैं कि बाबा भोले की बारात में हर साल भक्तगण भूत-पिशाच के वेश में शामिल होते हैं. शहर में जब गरीबनाथ की बारात निकलती है तो मनोहारी छटा दिखाई देती है. बाबा भोले के भक्त भी उन्हीं की तरह निराले होते हैं. कोई संत होता है, कोई साधु तो कोई अघोरी. हर कोई बाबा की भक्ति में रमा नजर आता है.



