मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर होली के गीतों व रंगों का गवाह बना जिला स्कूल का मैदान। जागरण की ओर से आयोजित रंग बरसे कार्यक्रम में होली गीतों से श्रोता और दर्शक सराबोर होते रहे। गीत भरी इस सुरमई शाम में माहौल होलीमय हो गया। दर्शक एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की खुशियां बांटते दिखे।
प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा है…से लोक गायिका अनुपमा यादव ने शुभारंभ किया। खेल सईंया खून….,जइसन सोचले रहलि ओइसन पियवा मोर बारे, हरि हरि ओढ़नी तोहर छूटल कवने कलिया ये हरि…जैसे गानों से अनुपमा ने समां बंधा। ”दुश्मन के सीना चीर के”.जैसे अनुपमा के देशभक्ति गीतों पर दर्शकों ने खूब प्यार लुटाया। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा जिला स्कूल मैदान गूंज उठा। कार्यक्रम का समापन देशभक्ति गीत संदेशे आते हैं से हुआ।
वही दूसरी तरफ युवा लोक गायक शिव कुमार बिक्कु ने गायकी की शुरुआत ”ओम नमः शिवाय” से किया। ”ले ल पुदीना” गीत से शिव कुमार ने महफिल को गति दी। मंच पर आए युवा ”गोरिया चांद की अंजोरिया जइसन गोर बाड़ हो” पुराना भईल तीसी जैसे गीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। शिव कुमार के गीतों पर स्कूल मैदान में उपस्थित सभी दर्शक झूम उठे। मोबाइल फ़्लैश लाइट जलाकर सभी ने युवा कलाकार को उत्साह बढ़ाया।
लोक गायिका अनुपमा यादव व गायक शिव कुमार बिक्कू के मंच पर पहुंचते ही दर्शकों ने बजाई तालियां, पारंपरिक होली गीत व वाद्य यंत्रों के धुन पर थिरकते रहे लोग। जागरण की और से जिला स्कूल मैदान में आयोजित रंग बरसे कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं एलएस कालेज के प्राचार्य डा. ओपी राय, जागरण के महाप्रबंधक एसएन पाठक, संपादकीय प्रभारी बृजेश दुबे ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भोजपुरी गीत के साथ से कार्यक्रम की यादगार की मिठास कुछ अलग है।
भोजपुरी लोक गायिकाअनुपमा यादव ने कहा कि वह छह साल की उम्र से गाना गा रही है। इसके लिए संगीत गुरु के सानिध्य में रियाज किया। वह गोरखपुर में पली-बढ़ी और शिक्षा ली। सरस्वती शिशु मंदिर की छात्रा थी। उसी समय से संगीत से लगाव हुआ। भोजपुरी गीत में रिमिक्स करने की परंपरा पर कहा कि वह कुछ नया करने के लिए यह सब कर रही है। दर्शक भोजपुरी गीत के बीच हिन्दी गीत का एक अंतरा सुनना पसंद करते हैं। इस तरह व हिंदी गाने में अपील की कि यह रियाज करें।
मुजफ्फरपुर रंग बरसे आयोजन के मुख्य अतिथि एलएस कालेज के प्रायार्य डा. ओपी राय ने कहा कि जागरण के इस आयोजन से आपसी भाईचार मजबूत हुआ। नई पीढ़ी गांव की पारंपरिक होली गीतों से आज रूबरू हुई। इस आयोजन ने एक मिसाल पेश की है। आमलोगों से अपील कि कहा इस होली पर्व को शांति व सौहार्द के बीच मनाएं। एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर खुशियां बांटे।
उप महापौर डा. मोनालिसा ने कहा कि पारंपरिक गीतों की मिठास कुछ अलग ही होती है। एक साथ हर उम्र के लोग रंग बरसे में शामिल होकर आनंद उठाएं। यह बेहतर आयोजन रहा। इस आयोजन में शामिल अतिथियों व प्रायोजकों की सराहना की।
मंच से जब कलाकार नीचे आए तो सेल्फी लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। सभी कलाकार के साथ सेल्फी लेने के लिए आतुर दिखे। गीतों के बीच लोग नाचते रहे। एक दूसरे को अबीर- -गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। दूबे ने अपने संबोधन में कहा कि बसंत पंचमी से मदनोत्सव की शुरुआत होती है। यह शीतला अष्टमी तक चलता है। इसलिए इसका विशिष्ट महत्व है। यह उल्लास का पर्व है। इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करने वाले प्रायोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन में शामिल लोकगायिक अनुपमा यादव के साथ उनकी पूरी टीम को सम्मानित किया गया।
पारंपारिक लोकगीत और वाद्य यंत्र का संरक्षण जरूरी
मुजफ्फरपुर अपनी नई पीढ़ी को संगीत से जोड़ें। कवि सम्मेलन का हर परिवार में एक वाद्य यंत्र बजाने, माटी से जुड़े पारंपारिक वाद्य यंत्र व पारंपरिक वाद्य यंत्र की शिक्षा दिलाएं। भोजपुरी गीतों का संरक्षण जरूरी है। समाज का सजग बनाने के लिए अश्लील शब्दों का प्रयोग कम और रंग बरसे जैसे कार्यक्रम की जितनी सराहना की जाएं कम हैं।








