मुजफ्फरपुर जेल के अधिकारियों का कारनामा, बेल किसी को.. रिहाई किसी और की..

मुजफ्फरपुर: बिहार के जेल महकमें से एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां बेल किसी दूसरे कैदी को मिलती है और रिहाई किसी दूसरे कैदी की जेल से कर दी जाती है. अब पुलिस उस कैदी को ढूंढ रही है जो गलती से जेल विभाग द्वारा रिहा कर दिया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक, ये कारनामा कर दिखाया है मुजफ्फरपुर जिले के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के अधिकारियों ने. जेल के अधिकारियों ने जिस कैदी को जमानत मिली थी उसकी जगह किसी और कैदी को रिहा कर दिया.

Muzaffarpur Central Jail : खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में दो गुटों में वर्चस्व को लेकर हो सकता संघर्ष - clash over supremacy in Khudiram Bose Central Jail may occur between two factionsक्या है मामला?

दरअसल, ये मामला नवंबर 2022 का है. 20 नवंबर 2022 को मीनापुर थाना क्षेत्र के शंकर पट्टी निवासी रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू कुमार को जमानत दी थी. जेल प्रशासन के द्वारा तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी किसी दूसरे गुड्डू को रिहा कर दिया गया. जेल में बंद दूसरे गुड्डू कुमार जो कि उसी गांव के रहने वाले धनेश्वर राय के बेटे थे, उसे रिहा कर दिया गया. जब इसकी जानकारी जमानत पाए गुड्डू के परिजनों को हुई तो वह न्यायालय पहुंचे और सारी बात न्यायालय को बताई. न्यायालय ने जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी तब पता चला कि जेल प्रशासन से गलती हुई है.

मामले में विभागीय जांच बैठाई गई तो जेल की प्रवेश प्रभारी सह सहायक अधीक्षक प्रियंका की गलती पाई गई. क्योंकि उनकी ही लापरवाही की वजह से जमानत पाए कैदी की नहीं बल्कि दूसरे कैदी को रिहा कर दिया गया था. अब प्रवेश प्रभारी सह सहायक अधीक्षक प्रियंका को निलंबित कर दिया. हालांकि, सवाल अभी भी वही उठ रहे हैं कि आखिर इस तरह की गलतियां हो कैसे जाती हैं. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने गलती से रिहा किए गए गुड्डू को गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेज दिया है.

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