हाजीपुर: डीएम श्यशपाल मीणा ने चमकी बुखार की तैयारियों पर दिया विशेष निर्देश

हाजीपुर: मंगलवार को जिलाधिकारी श्यशपाल मीणा के द्वारा सिविल सर्जन एवं डीपीएम स्वास्थ्य को अपने कार्यालय कक्ष में बुलाकर चमकी बुखार से बचाव के लिए की गयी तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली गयी। बचाव से लेकर लोगों को जागरूक करने संबंधी सभी जरूरी निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों को तुरंत एटेण्ड करने की व्यवस्था बनाएं तथा अस्पताल में भर्ती करते हुए डेडीकेटेड वेड उपलब्ध करायें जहां  एयर कंडिशनिंग की व्यवस्था हो । सभी पीएचसी, एपीएचसी एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर ओआरएस का घोल तथा पारासीटामोल की दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करायें। सभी पीएचसी पर एक एम्बुलेंस अनिवार्य रूप से रखें जो इसके लिए डेडिकेटेड हो। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से जुड़े एम्बुलेंस को इससे टैग करें। इसके लिए सरकार द्वारा किलोमीटर को आधार बनाकर भाड़ा निर्धारित किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय शिक्षा समिति, आंगनवाड़ी सेविका / सहायिका तथा विकास मित्रों की भूमिका अहम है। इसमें उनकी भी सेवायें ली जाय तथा प्रचार-प्रसार की सामग्री स्टीकर, पोस्टर, हैण्डबिल का वितरण इनके माध्यम से भी कराई जाय।जिलाधिकारी ने कहा कि यह बिमारी एक वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों में होती है। उन्होंने अपील की है कि बच्चों को रात में खाली पेट नही सोने दें। रात में खाना अवश्य खिलायें। सोने के पहले कुछ मीठा समान जरुर खिलाएं। यह चमकी से बचाव का सबसे कारगर तरीका है।

चमकी बुखार से बचाव के लिए की गई तैयारियों के विषय में सिविल सर्जन के द्वारा बताया गया कि सदर अस्पताल हाजीपुर में 10 बेड का चमकी वार्ड बनाया गया है जिसमें सभी आवश्यक दवा एवं उपकरण उपलब्ध है।

रोस्टर के अनुसार 24×7 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की गई है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी दो-दो बेड इसके लिए सुरक्षित रखा गया है और वहां भी 24×7 चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टाफ प्रतिनियुक्त किए गए हैं। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के 19 चिकित्सा पदाधिकारियों को इससे संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है एवं उनके द्वारा अपने अधीनस्थ चिकित्सा पदाधिकारी एवं 75 स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। इस बीमारी की रोकथाम एवं बचाव संबंधी प्रचार प्रसार के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जीविका के माध्यम से 16 लाख हैंडविल, 3500 स्टीकर, 5000 पोस्टर तथा 70 फ्लैक्स- बैनर वितरित किए जा कराए जा रहे हैं।

सदर अस्पताल हाजीपुर में चमकी बीमारी के नियंत्रण हेतु कंट्रोल रूम प्रारंभ कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में चमकी बुखार के 5 मरीज पाए गए थे जिसमें से 2 मरीज की मृत्यु हुई थी। वहीं 2021 में 11 मरीज पाए गए थे जिसमें एक मरीज की मृत्यु हुई थी। वर्तमान में वैशाली जिला में चमकी का एक भी केस एडमिट नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में तेज बुखार के साथ-साथ पूरे शरीर में चमक जैसी स्थिति पैदा होती है। तेज सर दर्द बना रहता है तथा कभी-कभी बेहोशी की स्थिति भी बन जाती है। इसके लिए खिलाओ, जगाओ और अस्पताल ले जाओ बहुत ही कारगर है। उन्होंने कहा कि लक्षण दिखते ही बच्चा अगर बेहोश नही हुआ है तो ओआरएस का घोल या चीनी और नमक का घोल पिला देने से काफी राहत मिलती है।

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