पटना: मासिक स्वच्छता प्रबंधन विषय पर माहवारी मेला का हुआ आयोजन

पटना : दानापुर में मासिक स्वच्छता प्रबंधन के अंतर्गत माहवारी मेला के आयोजन द्वारा किशोरियों एवं महिलाओं के व्यक्तिगत स्वच्छता एवं मासिक स्वच्छता प्रबंधन विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के 100 से अधिक किशोरियों, किशोरों ने भाग लिया। उन्हें मासिक स्वच्छता से सम्बंधित समाज में प्रचलित गलत धारणाओं एवं मिथकों को तोड़ने एवं इनकी अनदेखी करने और परिणामस्वरूप उनसे होने वाली कठिनाइयों तथा बिमारियों के बारे में चर्चा किया गया। महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान होने वाली चुनौतियों और इस विषय में ख़ामोशी तोड़ने की बात भी कही गई।

माहवारी स्वच्छता पर चुप्पी तोड़ना ज़रूरी:

सहयोगी संस्था द्वारा राजकीय उच्च विद्यालय, बृजनारायणपुर, दानापुर में आयोजित माहवारी मेला कार्यक्रम के अंतर्गत संस्था की निदेशिका रजनी ने उपस्थित छात्राओं, छात्रों, शिक्षकों को बताया कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के समय अनेक प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह हमारे व्यक्तिगत स्वच्छता का एक महत्वपूर्ण विषय है और इस विषय में चुप्पी तोड़कर एवं खुलकर बात करने की जरूरत है। यद्यपि आज सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा इस विषय में जानकारी दी जाती है, सरकार के द्वारा भी चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों में स्थानीय स्तर पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराया जाता है, परन्तु अभी भी अधिकाँश किशोरियाँ एवं महिलाएँ पारंपरिक तरीकों को ही अपनाती हैं, यह आवश्यक है कि उन्हें कपड़ों के इस्तेमाल के बारे में भी सही जानकारी दी जाये।

माहवारी मेला में किशोरियों ने रखे अपने सवाल:

आज आयोजित माहवारी मेला में किशोरियों को मासिक चक्र से सम्बंधित जानकारी पाने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया, उन्हें इस विषय पर प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया गया। किशोरियों ने इस अवसर पर कई प्रश्न पूछे और जानकारी प्राप्त किया। उन्होंने जानना चाहा कि क्या माहवारी आने के बाद हमारी हाईट बढ़ना रुक जाता है, माहवारी नहीं आता है तो क्या बच्चा नहीं होता है, लड़कों को माहवारी क्यों नहीं आता है। एक किशोरी ने बताया कि कुछ लोग बोलते हैं कि माहवारी नहीं आने पर महिला, किशोरी को हिजड़ा कहा जाता है। उनके सभी प्रश्नों का उत्तर दिया गया, साथ ही गलत धारणाओं को दूर करने हेतु सही जानकारी दी गई। इस अवसर पर एक बड़े थाली में लाल रंग के पानी को रखकर किशोरियों को उसमें अपनी परछाई देखने के लिए कहा गया और बताया गया कि माहवारी का लाल रंग किशोरियों, महिलाओं के जीवन से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण अंश है। इस मेले में किशोरियों ने बहुत उत्साहपूर्वक भाग लिया।

किशोरियों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य-स्वच्छता की अनदेखी भी है हिंसा:

यह ज्ञातव्य हो कि सहयोगी द्वारा पटना के विभिन्न गांवों में घरेलु हिंसा एवं जेंडर हिंसा के मुद्दे पर सामुदायिक जागरूकता का कार्यक्रम करती है एवं इस विषय पर सभी हितभागियों के साथ अलग-अलग फोरम पर संवाद करती है। किशोरियों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य-स्वच्छता की अनदेखी को भी हिंसा का एक रूप माना जाता है। सहयोगी द्वारा किशोर-किशोरियों को जागरूक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

आज के माहवारी मेला कार्यक्रम में इस विद्यालय के शिक्षकों – गीता कुमारी (प्रधानाचार्य), कविता कुमारी, नर्मता सिन्हा, निधि शर्मा, लाल नारायण प्रसाद, नीरज कुमार, दुर्गेश चतुर्वेदी, कविता गुप्ता, मोo इजाज अहमद तथा पूनम कुमारी उपस्थित रहे। सहयोगी से कार्यक्रम प्रमुख रजनी, उषा, रिंकी, लाजवंती, रूबी, उन्नति, प्रियंका, रौनक, शारदा, कुलसुम, मनोज, धर्मेंद्र तथा नीतीश शामिल थे।

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