मुजफ्फरपुर : मझौलिया रोड निवासी महेश प्रसाद सिन्हा का कहा कि 2015 से लिखी गई लगभग 5 किलो पत्रों पर ध्यानाकर्षण करना चाहता हूँ जिसमें उन्होंने बताया कि भारतीय सरकार वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाएँ ख़त्म कर रही है। रेलवे दलील यह दे रही है कि देश की आर्थिक स्थिति ख़राब है। जब कि टाटा जैसी छोटी कंपनियाँ वरिष्ठ नागरिकों को सुविधाएँ देने की घोषणा कर रही है। आपके अनुसार सरकार के हालात छोटी कंपनियों से भी बदतर है। हमारी टीम ने इस हालात की समीक्षा की है और कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि देश की जनता के 100 के खर्च पर सरकार लगभग 20 रूपये की उगाही कर रही है भारतीय जनता के मेहनत पर सरकार 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की उगाही कर रही है। सरकार सड़कों पर यात्रियों से प्रतिदिन अरबों रुपये की उगाही कर रही है। डिजिटल इंडिया आपको अरबों रुपये की उगाही दे रहा है। अरबों रूपये विदेशी कंपनियों से जा रही है। वो भी 20 प्रतिशत देश को दे रही है। आपके सरकार को इन पैसों के सदुपयोग और गैर जरूरी खचों को नियंत्रित करने की ज़रूरत है। वृद्धावस्था पेंशन योजना सभी राज्यों में समान हो और राशि प्रति व्यक्ति औसत आय के आधार पर तय किया जाए।आगामी लोकसभा चुनाव में वरिष्ठ नागरिकों के वोट इससे प्रभावित हो सकते हैं।



