नेहरू जी की पहचान नाम नहीं, काम के कारण है; नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर बोले राहुल

बिहार: केंद्री की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय रखा है। कांग्रेस ने इसका विरोधी किया और तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘नेहरू जी की पहचान उनके काम के कारण है, नाम के कारण नहीं।’

Rahul Gandhi gets 30 days to challenge defamation verdictआपको बता दें कि नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) का नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी किए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ कई अन्य विपक्षी दलों ने भी केंद्र के इस फैसले की आलोचना की है। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस एक परिवार से आगे सोच नहीं पाती है। एनएमएमएल का नाम 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी कर दिया गया। इसी साल जून में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया था। अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसको अमलीजामा पहना दिया गया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा था, आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना, तोड़-मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है। उन्होंने ‘एन को मिटाकर उसकी जगह ‘पी लगा दिया है। यह पी वास्तव में पीटीनेस (ओछापन) और पीवी (द्धेष) को दर्शाता है।

मालूम हो कि नई दिल्ली स्थिति तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था। बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया।

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