इस मंदिर में अनुष्ठान करने से दूर हो जाता है काल सर्प दोष, 200 साल पुराना है इतिहास

पटना : भारत में युगों-युगों से सनातन धर्म को लोग मानते आ रहे हैं. ऋषि मुनियों की धरती रही भारत की प्रामाणिकता को आज भी देश के विभिन्न कोनों में स्थित चमत्कारिक मंदिरों में देखा व महसूस किया जा सकता है. विश्व के सबसे बड़े महाजनपद मगध की राजधानी पाटलिपुत्र अर्थात पटना में भी एक से एक पुराने और सिद्ध मंदिर आज भी मौजूद हैं. उन्हीं में से एक गंगा किनारे स्थित भद्रघाट शिव मंदिर है. स्थानीय लोग और पंडित ऐसा दावा करते हैं कि यहां दुर्लभ से दुर्लभ समस्याओं का भी निराकरण महादेव की कृपा से हो जाता है.

भद्र घाट शिव मंदिर के प्रधान पुजारी राज किशोर मिश्र बताते हैं कि वे अपने बचपन से ही इस मंदिर में सेवा कर रहे हैं. वे बताते हैं कि उनके पुरखों ने भी इस मंदिर को अपने समय में देखा था. इसलिए यह ठीक-ठीक अनुमान लगाना संभव नहीं है कि यह मंदिर 200 से वर्षों से कितना अधिक पुराना है. हालांकि, देखरेख नहीं हो पाने से मंदिर की हालत खस्ता हो गई थी. फिर मिथिलेश शर्मा नामक स्थानीय द्वारा मोहल्ले वासियों के सहयोग और सहमति से इसका जीर्णोद्धार किया गया.

क्या है पुजारी का दावा ?
पंडित महेंद्र शास्त्री बताते हैं कि अगर किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष जैसी भी होती है, तो इस मंदिर में अनुष्ठान द्वारा उस समस्या को समाप्त कर दिया जाता है. महेंद्र की माने तो काल सर्प दोष में जातक का मन काफी अशांत रहता है. चाह कर भी जातक अपना मन एक जगह केंद्रित नहीं कर पाता है. वे आगे बताते हैं कि यहां विधि-विधान के साथ अनुष्ठान करवाकर सैकड़ों लोगों ने इस समस्या से मुक्ति पाई है. इसके साथ ही यहां पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ शांति अनुष्ठान भी करवाए जा सकते हैं.

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