उत्तर बिहार पर बाढ़ का साया, बागमती नदी में एक बार फिर उफान; लोग घर छोड़ने को मजबूर

शिवहर : बिहार के शिवहर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र समेत इलाके में लगातार हो रही बारिश के बाद बागमती नदी एक बार फिर से उफान पर है. कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है, 24 घंटे के अंदर जलस्तर एक मीटर बढ़ गया है. तत्काल नदी का जलस्तर 62 मीटर दर्ज किया गया है. नदी खतरे के निशान से 72 सेमी ऊपर बह रही है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि जारी है और बेलवाघाट, डुब्बाघाट और मोतनाजे घाट पर तटबंध पर दबाव बढ़ गया है. पिपराही प्रखंड के बेलवा, नरकटिया, माधोपुर, पिपराही प्रखंड के अदौरी, बराही जगदीश, तरियानी प्रखंड के कटैया, तरियानी छपरा, गुलरिया और मोतनाजे समेत दर्जनों गांवों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है.

Bagmati is again intimidating in Bihar panic among people due to water  level rising above the danger mark | फिर डरा रही है बिहार में बागमती, खतरे  के निशान से ऊपर उठेफसल को हुआ नुकसान

आपको बता दें कि बेलवा, नरकटिया और दोस्तिया गांव में लगातार पानी घुस रहा है, अब तक पांच हजार हेक्टेयर में लगी धान की फसल पानी में डूब चुकी है.इसके अलावा केला और सब्जी की फसल भी पानी में डूबी हुई है. बागमती में उफान के कारण मोतनाजे और गुलरिया गांव के बीच लोग नाव से काम चला रहे हैं, जबकि शिवहर-ढाका एसएच और तरियानी-बेलसंड पथ पर पांच फीट पानी के तेज बहाव से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है.

बाढ़ ने घर छोड़ने को किया मजबूर

इसके साथ ही आपको बता दें कि 18 दिनों के बाद शिवहर-ढाका एसएच पर पानी कम होना शुरू हुआ. यातायात बहाल होने से पहले ही बाढ़ ने दस्तक दे दी है. वहीं, दोस्तिया, बेलवा और नरकटिया गांव के तटबंध पर शरण लिए लोग दो दिन पहले ही घर लौटे थे, लेकिन बाढ़ ने उन्हें फिर से घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. लगातार हो रही बारिश और जलस्तर में वृद्धि के कारण बागमती नदी के किनारे रहने वाले लोग दहशत में हैं. इस सीजन में लोगों को तीसरी बार बाढ़ का संकट झेलना पड़ा है. हालांकि नदी छह बार बढ़ चुकी है.

उधर, नेपाल ने भीषण बाढ़ का अलर्ट जारी किया है, जिससे उत्तर बिहार में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण कार्यपालक अभियंता राकेश रंजन के नेतृत्व में बागमती प्रमंडल की टीमें एक्शन मोड में हैं. वहीं सभी तटबंधों और जलस्तर की निगरानी की जा रही है.

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