उपेंद्र कुशवाहा को याद आया नीतीश का सबसे पहला बयान, बोले- CM माथे पर लालटेन रखकर सोच रहे जनता भरोसा करे

बिहार : नीतीश कुमार की एक गलती के कारण ही आज जदयू पार्टी समाप्ति की कगार पर है। नीतीश कुमार अपनी पार्टी छोड़ माथे पर लालटेन लेकर बिहार के लोगों से भरोसा रखने की अपेक्षा कर रहे हैं। उक्त बातें शुक्रवार को पार्टी के जिला सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार को जंगल राज से मुक्ति दिलाने के लिए, जो समता पार्टी का गठन जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में किया गया था, उस समय कुछ और लोगों की तरह उपेंद्र कुशवाहा भी उन 10 लोगों में शामिल थे।

बिहार को जंगल राज से मुक्ति पर क्या बोले उपेंद्र कुशवाहा

उन्होंने कहा कि हमने अपनी जवानी का बहुमूल्य समय पार्टी के मिशन को पूरा करने के लिए दिया। शुरुआती समय में लव-कुश समाज के अलावा अतिपिछड़ा समाज, धानुक समाज के लोगों और जंगलराज से प्रताड़ित लोगों का हम लोगों को साथ मिला, तब जाकर बिहार को जंगल राज से मुक्ति मिली थी।

नहीं सोचा था कि राजद के पीछे नीतीश खड़े हो जाएंगे: कुशवाहा

उस समय नीतीश कुमार का पहला बयान आतंक और पाखंड राज को समाप्त करने का था ,लेकिन आज नीतीश कुमार को न तो लव-कुश समाज का कोई चेहरा पसंद आया और न ही अतिपिछड़े समाज का। उन्होंने कहा कि हम तो अपना सब कुछ न्योछावर कर नीतीश कुमार के साथ चले गए थे, ताकि आरजेडी के हाथों सत्ता नहीं जाए। हम लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि राजद के पीछे नीतीश कुमार खड़े हो जाएंगे और बिहार का नेतृत्व जंगल राज का शासन करने वाले परिवार को सौंप देंगे।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार सीधे तौर पर सरेंडर हो गए हैं। उन्हें अपनी पार्टी से ज्यादा आरजेडी पर भरोसा दिखने लगा, तब हम लोगों ने राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन किया गया। जदयू पार्टी का विकल्प भी राष्ट्रीय लोक जनता दल ही है। यही पार्टी है जो आरजेडी को बिहार में सत्ता से बेदखल कर सकती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि हमारी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। इसलिए लोक सभा चुनाव में एनडीए समर्थित उम्मीदवार के साथ रहकर उन्हें जीत दर्ज कराएं।

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि यदि उस समय हमारी पार्टी को पांच से सात सीट मिली होती तो आज बिहार की राजनीति हमारेउपेंद्र कुशवाहा   हाथों में होती। इसलिए इस बार हमें गलती नहीं करनी है। सोच-समझकर एकत्रित रहकर अपने पार्टी को और अपने सहयोगी एनडीए समर्थित उम्मीदवारों के साथ मजबूती के साथ रहकर जीत दिलानी है, ताकि इसका फायदा हम लोगों को आने वाले 2025 के विधानसभा चुनाव में मिले। इस दौरान उन्होंने जदयू छोड़ अपनी पार्टी में आए दर्जन भर कार्यकर्ताओं को बधाई दी। इस दौरान जिला सम्मेलन में पार्टी के नेता पूर्व विधायक रणविजय सिंह, पप्पू सिंह, फजल ईमान मलिक, रमेश सिंह कुशवाहा, सुभाष चंद्रवंशी समेत दर्जन भर कार्यकर्ता मौजूद थे।

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