हाई-टेक हुआ पटना साहिब का स्टेशन एरिया, मल्टीलेवल पार्किंग की भी है व्यवस्था, देखें बदला नजारा

पटना : पटना साहिब विकास और प्रगति की ओर उन्मुख है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि पटना साहिब क्षेत्र की बदली हुई तस्वीर ही अपने विकास की कहानी बयां कर रही है. जी हां, पटना साहिब में पिछले कई महीनों से इस दिशा में कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं. वर्तमान में विश्व में सिक्खों के दूसरे सबसे बड़े स्थल के रूप में पटना साहिब मशहूर हो चुका है.

Vehicles not permited to park within 500 meters of the multilevel parking |  मल्टीलेवल पार्किंग से 500 मीटर के दायरे में नहीं खड़ा कर सकेंगे वाहन -  Dainik Bhaskar
बता दें कि पटना साहिब क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं. इसमें पटना साहिब रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने से लेकर नई सड़कों के निर्माण और पुल-पुलियों को बनवाना भी शामिल है. पहले पटना साहिब के लोगों को मॉल इत्यादि में खरीदारी करने के लिए 17-18 किलोमीटर दूर बोरिंग रोड जाना पड़ता था. जबकि, अब कई अत्याधुनिक मॉल पटना साहिब रेलवे के बगल में ही खुल गए हैं. स्टेशन के पास ही धनुष सेतु के पास मल्टीलेवल पार्किंग बनाई गई है, जहां सैकड़ों गाड़ियां पार्क हो सकती है.
जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए क्षेत्र के प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही टहलने के लिए कई घाटों का सौंदर्यकरण किया गया है. साथ ही मंगल तालाब के पास वॉकिंग ट्रैक बनवाया जा रहा है. बता दें कि इसी मंगल तालाब के किनारे कभी बापू और राजेंद्र प्रसाद भी टहल चुके हैं. पटना सिटी के स्थानीय वरिष्ठ नागरिक प्रेम चोपड़ा बताते हैं कि कुल मिला कर कहा जाए तो पटना साहिब में विकास और उन्नति दिखाई दे रही है. हालांकि, वे कहते हैं कि अभी कुछ और काम करने बाकी है.

गौरवपूर्ण है पटना साहिब का इतिहास

इतिहास के जानकर गुरु रहमान बताते हैं कि प्राचीनकाल में इस पटना सिटी को पाटलिपुत्र के नाम से भी जाना जाता था. यह मौर्य और गुप्त साम्राज्य की भी राजधानी रही थी. कभी विश्व के सबसे शक्तिशाली जनपद मगध की राजधानी के रूप में विख्यात पाटलिपुत्र का इतिहास सच में बहुत ही रोचक है. पाटलिपुत्र जब मगथ की राजधानी हुआ करती थी, तब यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने अपनी किताब इंडिका में इसका जिक्र किया था. साथ ही वात्स्यायन ने अपने ग्रन्थ कामसूत्र में भी इस नगर के इतिहास पर लेख लिखा था. वैदिक संस्कृत ग्रंथ भाड़ और उभय अभिसारिकार में भी इसका सुंदर चित्रण मिलता है. मध्यकालीन भारत में भी मुस्लिम पश्तून बख्तियार खिलजी और अन्य मुस्लिम शासकों ने पाटलिपुत्र पर आक्रमण किया था.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading