पटना : पटना साहिब विकास और प्रगति की ओर उन्मुख है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि पटना साहिब क्षेत्र की बदली हुई तस्वीर ही अपने विकास की कहानी बयां कर रही है. जी हां, पटना साहिब में पिछले कई महीनों से इस दिशा में कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं. वर्तमान में विश्व में सिक्खों के दूसरे सबसे बड़े स्थल के रूप में पटना साहिब मशहूर हो चुका है.


गौरवपूर्ण है पटना साहिब का इतिहास
इतिहास के जानकर गुरु रहमान बताते हैं कि प्राचीनकाल में इस पटना सिटी को पाटलिपुत्र के नाम से भी जाना जाता था. यह मौर्य और गुप्त साम्राज्य की भी राजधानी रही थी. कभी विश्व के सबसे शक्तिशाली जनपद मगध की राजधानी के रूप में विख्यात पाटलिपुत्र का इतिहास सच में बहुत ही रोचक है. पाटलिपुत्र जब मगथ की राजधानी हुआ करती थी, तब यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने अपनी किताब इंडिका में इसका जिक्र किया था. साथ ही वात्स्यायन ने अपने ग्रन्थ कामसूत्र में भी इस नगर के इतिहास पर लेख लिखा था. वैदिक संस्कृत ग्रंथ भाड़ और उभय अभिसारिकार में भी इसका सुंदर चित्रण मिलता है. मध्यकालीन भारत में भी मुस्लिम पश्तून बख्तियार खिलजी और अन्य मुस्लिम शासकों ने पाटलिपुत्र पर आक्रमण किया था.