आज से शिक्षक पात्रता परीक्षा, जूता-मोजा समेत इन चीजों पर पाबंदी; जानें, अभ्यर्थी क्यों कर रहे वि’रोध

बिहार : माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) 4 सितंबर यानी आज से शुरू हो रही है। ऑनलाइन मोड में हो रही यह परीक्षा 15 सितंबर तक चलेगी। इसमें 3 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा ऑनलाइन होगी। बिहार बोर्ड इस बार एक साथ 46 विषयों की परीक्षा लेगी। इसमें पेपर 1 में 17 और पेपर 2 में 29 विषय शामिल हैं। वहीं शिक्षक अभ्यर्थियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए बिहार बोर्ड की ओर से हेल्पलाइन नंबर (0612 – 2232074) जारी की गई है।

पहली पाली में साढ़े 9 बजे गेट बंद
परीक्षा दो पाली में होगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक होगी। इसके लिए छात्रों को सुबह साढ़े 8 बजे से इंट्री दी जाएगी। साढ़े 9 बजे तक गेट बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। वहीं दूसरी पाली के लिए डेढ़ बजे से इंट्री दी जाएगी। दोपहर ढाई बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक यह परीक्षा चलेगी। बिहार बोर्ड ने कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित करवाने के दृष्टिकोण से जूता-मोजा पर पाबंदी लगा रही है। साथ ही किताब, नोटबुक, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, घड़ी, आदि सामान सेंटर के अंदर ले जाने पर भी रोक है। अभ्यर्थियों को बॉलपेन और पेंसिल लेकर अंदर आने की अनुमति दी गई है।

एग्जाम सेंटर पर बायोमैट्रिक हाजिरी लगेगी
बिहार बोर्ड के अनुसार, सभी एग्जाम सेंटर पर बायोमेट्रिक हाजिरी ली जाएगी। बायोमेट्रिक उपस्थिति की सुविधा सभी केंद्रो पर होगी। सभी अभ्यर्थियों के हाथ के अंगूठे का निशान लिया जाएगा। एग्जाम में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए सुरक्षा कर्मी भी तैनात किए गए हैं।

छात्र नेता बोले-  यह बिहार बोर्ड का तानाशाही रवैया है
राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ बिहार सरकार के अधिकारी जो रवैया अपना रहे हैं, वह दुखद है। इधर, बीपीएससी द्वारा डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है। उसी तारीख को बिहार बोर्ड एसटीईटी की परीक्षा करवा रही है। यह बिहार बोर्ड का तानाशाही रवैया है। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनका एक ही तारीख में बीपीएससी शिक्षक बहाली का डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और एसटीईटी की परीक्षा हो रही है। ऐसे में अभ्यर्थी क्या करें। डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन करवाएं या परीक्षा दें। क्या बिहार सरकार को इसपर संज्ञान नहीं लेना चाहिए। क्या इन अभ्यर्थियों के साथ न्याय नहीं होना चाहिए। लगातार कार्रवाई करने वाली शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इस मामले पर संज्ञान क्यों नहीं ले रहे हैं।

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