4 भाइयों ने पेश की मिसाल, स्कूल के लिए दान की जमीन

कटिहार : जमीन के लिए अक्सर भाइयों में विवाद की खबरें सुनने को मिलती है. कहीं-कहीं तो एक इंच जमीन के लिए लोग हत्या करने से भी नहीं चूकते, लेकिन भागलपुर के चार भाइयों ने एक मिसाल पेश की है. जिसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है. दरअसल, जिले के नवगछिया के रंगरा प्रखंड के चार किसान भाइयों ने अपनी दो कट्ठा जमीन सराकरी स्कूल के लिए दान में दे दी. किसान भाइयों की पहल की जमकर सराहना हो रही है, लेकिन हम आपको बता दें कि गांव में स्कूल के लिए जमीन दान करने की नौबत आई क्यों. दरअसल, नवगछिया अनुमंडल के बैसी गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है, लेकिन स्कूल नदी के दूसरी तरफ है. लिहाजा स्कूल जाने में बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

स्कूल के भाइयों ने किया जमीन दान

कई बार नदी पार करते वक्त बच्चे हादसे का शिकार भी हुए हैं. ऐसे में परिजन बच्चों को स्कूल भेजने में कतराते थे. इसी परेशानी को देखते हुए 2013 में ही बैसी के किसान भाइयों ने जमीन दान दी थी, लेकिन जमीन मिलने के बाद भी स्कूल निर्माण के लिए अधिकारियों ने पहल नहीं की. किसान भाइयों के साथ ही ग्रामीण सरकारी कार्यालयों का चक्कर काटते रहे लेकिन स्कूल का निर्माण नहीं हो सका. आखिरकार ग्रामीणों ने चंदा इक्कट्ठा कर स्कूल निर्माण का फैसला लिया और अब इसकी कवायद शुरू हो चुकी है.

हर कोई हुआ भाइयों का मुरीद

फिलहाल स्कूल निर्माण वाली जगह पर बांस और टिन का शेड डाला गया है. ईंट भी खरीद लीग गई है यानी जो काम प्रशासन और शिक्षा विभाग को करवाई चाहिए थी. वो किसान भाई और ग्रामीण कर रहे हैं. चंदा इकट्ठा कर स्कूल निर्माण करा रहे हैं. वहीं, इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार का कहना है कि स्कूल निर्माण के लिए विभागीय स्तर से भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी. शिक्षा पदाधिकारी ने साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी अपील की कि अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ स्कूलों को गोद लें ताकि स्कूल व्यवस्था में सुधार हो सके.

भागलपुर की ये तस्वीर जहां शिक्षा को लेकर ग्रामीणों की जागरूकता को दर्शाता है, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर शासन-प्रशासन की अनदेखी को भी उजागर करता है. हालांकि शिक्षा पदाधिकारी ने ग्रामीणों को राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन तो दिया है, लेकिन देखना होगा कि कब तक राशि उपलब्ध कराई जाएगी.. और कब तक स्कूल निर्माण पूरा होगा.

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