डॉक्टरों की फैक्ट्री है बिहार का यह गांव, 1, 2 नहीं, अबतक 45 लोग डॉक्टर बनकर दे रहे हैं देश भर में सेवा

वैशाली : पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान का कोटा डॉक्टर तैयार करने की फैक्ट्री के रूप में उभरकर सामने आया है. लेकिन आज हम आपको बिहार के वैशाली जिले के एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे, जो जिसे आप डॉक्टरों की फैक्ट्री के गांव के नाम से भी पुकार सकते हैं. जी हां! इस गांव के रहने वाले 1,2,4,10 नहीं, बल्कि अब तक कुल 45 लोग डॉक्टर बने हैं. ये डॉक्टर न सिर्फ बिहार, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्से में सरकारी और प्राइवेट तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं. वैशाली जिले के रामदौली गांव को ही लोग डॉक्टरों का गांव कहकर बुलाते हैं. जैसे ही आप वैशाली जिले में कहेंगे कि हमें रामदौली जाना है, तो लोग आपसे पूछेंगे कि क्या आपको डॉक्टर का गांव में जाना है.

डॉक्टरों की फैक्ट्री है बिहार का यह गांव, 1, 2 नहीं, अबतक 45 लोग डॉक्टर  बनकर दे रहे हैं देश भर में सेवा - This village of bihar is a factory of

गांव में इतनी संख्या में डॉक्टर होने का एक ही कारण है. यहां के युवाओं में पढ़ाई के साथ कुछ करने का ललक होती है. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि रामदौली गांव के युवाओं को एक ही नशा है और वह है पढ़-लिखकर कुछ कर दिखाने का. इस गांव में सर्जन से लेकर एमबीबीएस तक के 45 डॉक्टर हैं, जो भारत के कई राज्यों में अपनी सेवा दे रहे हैं. कुछ तो अब रिटायर भी हो चुके हैं. डॉक्टर जब छुट्टी में अपने गांव आते हैं, तो ऐसा लगता है, जैसे डॉक्टरों का कोई सम्मेलन होने जा रहा हो. यही नहीं,फ्री में गांव के लोगों का इलाज भी करते हैं. यही कारण है की इस गांव के लोग इंतजार करते हैं कि जब भी डॉक्टर साहब अपने गांव आएंगे, तब हम लोग अपनी समस्या जरूर उनके पास रखेंगे. गांव के बुजुर्ग अनिरुद्ध सिंह बताते हैं कि हमारे गांव के बुजुर्गों ने मेहनत कर जो वातावरण पहले बनाया था, आज उसी का परिणाम है कि हमारे गांव में इतने डॉक्टर हैं.

देशभर में फैले हुए हैं इस गांव के डॉक्टर
वे बताते हैं कि हमारे गांव के कई एमबीबीएस डॉक्टर अब सर्जन भी हैं. इसके अलावा कई जिले में बड़े-बड़े पदों पर भी तैनात हैं. यह हम लोगों के लिए गौरव की बात है कि हमारे गांव को लोग डॉक्टरों का गांव कहते हैं. अनुरुद्ध सिंह बताते हैं कि हमारे गांव के डॉक्टर बिहार सरकार, भारत सरकार से लेकर कोलकाता और हैदराबाद से लेकर दिल्ली तक में तैनात हैं. जब वह लोग छुट्टी में गांव आते हैं तो यहां कैंप आदि लगाकर गरीब लोगों का फ्री में इलाज भी करते हैं. जो यहां पर आकर क्लीनिक चलाते हैं, वह गांव का होने के नाते फीस में भी कुछ छूट देते हैं. कई डॉक्टर तो फ्री में इलाज करते हैं.

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