बिहार के इस स्कूल में तीन छात्राओं की ठाठ… पढ़ाने आते हैं दो शिक्षक, एक रसोइया भी तैनात

गया : बिहार के गया में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक आते हैं. इतना ही नहीं, स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत एक महिला रसोइया इन तीन छात्रों के लिए भोजन भी बनाती है. यह स्कूल अपने आप मे अनोखा है. जिला मुख्यालय से लगभग 25 KM दूर खिजरसराय प्रखंड में स्टेट हाईवे के किनारे मनसा बिगहा गांव में यह सरकारी स्कूल है. स्कूल का भवन दो मंजिला है, लेकिन इसका इस्तेमाल कुल छह लोग करते हैं.

मनसा बिगहा का यह प्राथमिक विद्यालय अनूठा है. चार कमरों वाले स्कूल की दो मंजिली बिल्डिंग में पढ़ने आने वाले छात्र सिर्फ तीन हैं. इस विद्यालय मे कल तक 17 बच्चों का नामांकन था, जिसमें 8 बच्चे रेगुलर अनुपस्थित रहते थे. इस कारण वैसे बच्चों का नाम काट दिया गया. अब यहां सिर्फ 9 बच्चों का नामांकन है. 9 बच्चों में भी प्रतिदिन सिर्फ 2-3 छात्रा स्कूल आती हैं. स्कूल में शौचालय, चापाकल, किचन शेड के अलावा एक अतिरिक्त क्लास रूम भी है.
इसलिए है बच्चों की कमी 
इस स्कूल में नहीं हैं तो सिर्फ पढ़ने वाले छात्र. ऐसा नहीं है कि 40 परिवार वाला मनसा बिगहा गांव के अन्य बच्चे पढ़ते नहीं हैं. अनुमंडल मुख्यालय खिजरसराय के पास होने के कारण यहां के अधिकांश बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते हैं. कोई सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजना चाहता.

प्रिंसिपल ने बताई यह वजह
प्रधानाध्यापिका प्रियंका कुमारी ने बताया कि गांव के लगभग सभी परिवार सम्पन्न हैं. इस गांव से खिजरसराय प्रखंड मुख्यालय की दूरी महज एक किमी है. ऐसे में संपन्न वर्ग के लोग अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाने के लिए भेज देते हैं. पूर्व में महादलित टोले से छात्र यहां पढ़ने आते थे, लेकिन अब 1 किलोमीटर की परिधि में एक मध्य विद्यालय और दो प्राथमिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा कई निजी विद्यालय भी संचालित हैं. कई साल से अधिकारी को पत्र लिखकर इस विद्यालय को पास के किसी दूसरे विद्यालय में समायोजित करने की मांग की है, लेकिन अभी तक इस ओर कोई पहल नहीं हुई है.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading