पटना : संजय गांधी जैविक उद्यान में बाल रेल को शुरू करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है. जल्द ही इसे स्वीकृति भी मिल जाएगी. इसके लिए नए प्रोजेक्ट को दानापुर रेल मंडल को भेज दिया गया है. इस पर करीब 7.96 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद की जा रही है. नए प्रस्ताव के अनुसार बाल रेल की पटरियों की लंबाई 4.4 किमी से घटकर 3.17 किमी हो जाएगी.
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेजप्रताप यादव कई बार इसे जल्द शुरू करने की बात कह चुके हैं. जू में बाल रेल को बंद हुए तकरीबन 9 साल बीत चुके हैं. बता दें कि इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने की थी. उस समय चिड़ियाघर में रेल पटरी का विस्तार करीब 4.4 किलोमीटर लंबा था. रेल ट्रैक पुराने होने और सड़ जाने के कारण ट्रेन पटरी से डिरेल हो जाती थी. इसी कारण बाल रेल को साल 2015 में बंद कर दिया गया था. हालांकि, इससे पहले साल 2007-08 में रेल पटरियों की मरम्मत हुई थी, पर उससे बात नहीं बन पाई.
46 साल पहले हुई थी रेल की शुरुआत
बताते चलें कि पटना जू में पहली बार अगस्त 1977 में बाल रेल की शुरुआत की गई थी. तब भारतीय रेलवे ने संजय गांधी जैविक उद्यान को 17 एचपी का एक इंजन और दो कोच गिफ्ट के रूप में दिया था. वहीं, टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी, जमशेदपुर ने 60 एमटी लोहा दान दिया था. उस समय रेल की पटरियों की लंबाई मात्र 1.59 किलोमीटर ही थी, जबकि, साल 2004 में ट्रैक की लंबाई 4368 मीटर तक बढ़ा दी गई. वर्तमान समय में चिड़ियाघर में यह रेल खड़ी है. इसमें चार बोगी और एक इंजन है. प्रत्येक बोगी में 25 लोगों के बैठने की क्षमता है. बाल रेल में एक बार में 100 लोग बैठकर जू का भ्रमण करते थे, जिसमें करीब 40 मिनट का समय लगता था. बाल रेल के मार्ग में तीन मिनी स्टेशन भी बने हुए हैं.
