किशनगंज. आमतौर बिहार के सीमांचल इलाके के जिलों को पिछड़ा और कम साक्षारता वाला क्षेत्र माना जाता है. लेकिन, बिहार के किशनगंज जिले के सिम्मल बाड़ी गांव की रहनेवाली रोशनी परवीन ने इस मिथ को दूर करने का काम किया है. दरअसल रोशनी परवीन ने अपनी पढ़ाई और हुनर की बदौलत अपने इलाके ही नहीं बिहार और देश का नाम भी ऊंचा किया है. दरअसल रोशनी परवीन का चयन संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय जेनेवा स्विट्जरलैंड में होने वाले विश्व युवा सम्मेलन 2023 के लिए हुआ है. रोशनी विश्व युवा सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान स्विट्जरलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपना भाषण देंगी. वहीं रोशनी के इस चयन से उसके परिवार के साथ-साथ सीमांचल इलाके के लोगों में खुशी की लहर है.
जानकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की टीम ने महिला हेल्प लाइन कर्यालय किशनगंज से संपर्क कर रोशनी परवीन द्वारा किये जा रहे कार्य की पूरी जानकारी ली है. दरअसल रोशनी पिछले कई वर्षों से सरकार के बाल सुरक्षा सम्बंधित कार्य को यूनिसेफ के साथ मिलाकर करती रही हैं. रोशनी 2018 से बाल सुरक्षा को लेकर कर करती रही है. इस दौरान उन्हें कई अलग-अलग मंच पर सम्मानित भी किया गया है. हाल ही में पटना में एक कार्यक्रम के दौरान आईपीएस विकास वैभव समेत अन्य लोगों द्वारा रोशनी को सम्मान मिला था.
जनवरी 2023 से इंडिपेंडेंट कंसल्टेंट के रूप में सामाजिक मुद्दों पर कार्य कर रही रोशनी ने बताया कि वह खुद बाल विवाह की शिकार थीं. उनकी शादी जब वो मैट्रिक में थीं तभी हो गई थी. लेकिन, इसके बाद उन्होंने अपना स्नातक पूरा किया और फिर पोस्ट ग्रेजुएट की भी पढ़ाई. आज बाल सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच के लिए चयन होने पर रोशनी काफी खुश हैं.
बेटी की सफलता पर पिता को है गर्व
वहीं रोशनी के पिता हैदर अली भी बेटी की इस सफलता पर काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि गरीबी की हालत में भी रोशनी के जुनून को देख कर हमलोगों ने उसका साथ दिया. आज उसका चयन में विश्व युवा सम्मेलन 2023 के लिए हुआ. यह काफी बड़ी बात है. भारत से वह अकेली लड़की है जिसे इस बार इस कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है. बता दें, रोशनी के पिता पान का व्यापार करते हैं. रोशनी मुस्लिम महिलाओं में बाल विवाह और अशिक्षा के मुद्दे पर लगातार काम कर रही है.