बिहार सरकार ने 6 सितंबर को 2685 सिपाहियों को असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के रूप में प्रोन्नत किया था। अब इनमें से 365 एएसआई की पोस्टिंग कर दी गई है। बिहार पुलिस मुख्यालय के कार्मिक कल्याण विभाग की ओर से 5 अक्टूबर को गृह विभाग की आरक्षी शाखा की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सहायक अवर निरीक्षक के रिक्त पदों पर कार्यहित में वरीयता सह-योग्यता के आधार पर योग्य पाये गये पीटीसी को सहायक अवर निरीक्षक के रूप में उच्चतर पद का कार्यकारी प्रभार प्रदान किया गया है।
इस क्रम में वरीयता सह-योग्यता के आधार पर योग्य पाये गये शेष अन्य पीटीसी को सहायक अवर निरीक्षक के रूप में उच्चतर पद का कार्यकारी प्रभार प्रदान किया जाता है। पुलिस मुख्यालय की ओर से निर्देश दिया गया है कि सभी कार्यालय प्रधान सुनिश्चित करेंगे कि कार्यकारी प्रभार के अन्तर्गत प्राप्त उक्त मानव संसाधन को अनुसंधान विधि-व्यवस्था संधारण, अपराध नियंत्रण, यातायात, ESS (डायल – 112 सेवा), साइबर थाना, महिला हेल्प डेस्क, प्रशिक्षण एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में प्रयुक्त किया जाए।
किसी भी प्रकार के उच्चतर पद के वेतन का दावा भी स्वीकार्य नहीं होगा
कार्यकारी प्रभार से आच्छादित सभी कर्मी अपने ही वेतनमान में कार्यकारी प्रभार के अन्तर्गत प्रभारित पद के सभी उत्तरदायित्वों का निर्वहन एवं शक्तियों का प्रयोग करेंगे तथा तदनुसार वर्दी धारण कर सकेंगे। कार्यकारी प्रभार के अन्तर्गत उच्चतर पद पर जाने वाले कर्मियों के प्रशासनिक, अनुशासनिक एवं विधिक प्राधिकार इस पद हेतु जो सक्षम प्राधिकार घोषित हैं, वही होंगे। लेकिन उक्त कार्यकारी व्यवस्था के तहत कार्यकारी प्रभार के अन्तर्गत कार्य किये जाने से प्रोन्नति अथवा वरीयता का दावा वर्तमान में अथवा भविष्य में मान्य नहीं होगा तथा इसके कारण किसी भी प्रकार के उच्चतर पद के वेतन का दावा भी स्वीकार्य नहीं होगा

यूनिट में एएसआई के रूप में कार्यकारी प्रभार दिया जा रहा
इससे पहले 6 सितंबर को जो आदेश जारी किया गया था। उसमें कहा गया था कि बिहार पुलिस के सहायक अवर निरीक्षक के रिक्त पदों पर वरीयता और योग्यता के आधार पर सिपाहियों को उनके वर्तमान पदस्थापना वाले जिले और यूनिट में एएसआई के रूप में कार्यकारी प्रभार दिया गया था। सबसे ज्यादा 996 सिपाहियों को पटना में एएसआई का प्रभार मिला। इसके बाद गया में 150, सारण में 118, समस्तीपुर में 101, बेतिया पुलिस जिला में 77, रोहतास में 70, भोजपुर में 66, दरभंगा में 62, सीतामढ़ी में 60 और नालंदा में 57 सिपाहियों को एएसआई का कार्यकारी प्रभार दिया गया था।