भागलपुर : जो हो गया उसके लिए सोचा नहीं करते, जो मिल गया उसे कभी खोया नहीं करते… सफलता उन्हें ही मिलती है जो अपने वक्त पर कभी रोया नहीं करते. ये लाइन सटीक बैठती है भागलपुर के रहने वाले निशांत कुमार पर. निशांत भागलपुर के रहने वाले हैं. अभी अपनी आईटी कंपनी चला रहे हैं. लेकिन कभी पैसों के लिए पढ़ाई अधूरी रह गई थी. लेकिन हार मानने के बजाय उसने मोमोज का ठेला लगाना शुरू किया. आज आईटी

डिग्री नहीं रहने के कारण नहीं मिला काम
निशांत एक गरीब परिवार से तालुल्क रखते हैं. बचपन से ही उसके मन में पैसा कमाने की जिद्द थी. जब कक्षा आठवीं में थे तभी उन्होंने नौकरी की तलाश शुरू कर दी. लेकिन न कोई डिग्री और न कमाने की उम्र थी, इस वजह से उसे किसी ने नौकरी नहीं दी. पढ़ाई में पैसा भी बाधा बन रही थी. तभी उन्होंने कमाने की ठानी और सड़क किनारे मोमोज का ठेला लगाने की सोची. दो दोस्त मिलकर सड़क किनारे मोमोज बेचने लगा. लेकिन बचपन से ही कंप्यूटर में लगाव था. सुबह से चार बजे तक अपनी पढ़ाई खत्म कर शाम में मोमोज बेचने निकल जाते थे. ये सफर जारी रहा.

अब 40 लोगों को दिया काम
धीरे-धीरे पढ़ाई के दौरान ही कई प्रोजेक्ट पर काम करने लगे. जिला प्रशासन के कई काम किए. नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर काम किया. तभी मन मे अपनी कंपनी खोलने की सोची और अब यति मीडिया हाउस के नाम से आईटी कंपनी खोल दी. पहले तीन लोगों को रोजगार दिया. अभी सबको मिलाकर 40 लोग उनके साथ काम कर रहे हैं. आगे और भी लोगो को रोजगार देने की सोची है.
निशांत ने बताया कि वह सोचते हैं कि आपके जीवन मे डिग्री कोई मायने नहीं रखता है. अगर आपके अंदर हुनर है करने की तो आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं.