नवरात्रि के दूसरे दिन थावे दुर्गा मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भी’ड़

गोपालगंज : शारदीय नवरात्र का आज दूसरा दिन है आज माँ के ब्रह्मचारिणी के रूप की पूजा की जा रही है. आज सुबह से ही देवी मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही है. वहीं सिद्धपीठ थावे दुर्गा मंदिर का पट सुबह 3 बजे भक्तों के लिए खोल दिये गये. वहीं सुबह 4 बजे से विशेष आरती का आयोजन किया गया.

बिहार का थावे मंदिर: भक्त रहषु के मस्तक को विभाजित कर देवी ने दिए साक्षात  दर्शन – News18 हिंदीथावे मंदिर के मुख्य पुजारी संजय पाण्डेय ने बताया कि आज नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जा रही है. वहीं थावे मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ हैं. लोग जयकारे लगाते हुए दर्शन पूजन कर रहे हैं. मान्यता है कि यहाँ सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है.

थावे माँ की महिमा निराली है. प्राचीन काल में भक्त रहषु रहते थे जो बाध के गले में सर्प से बांधकर दौड़ी करते थे. जिससे निकले चावल से लोगों को भोजन मिलता था. यहाँ के राजा मनन सिंह को यह बात पता चली तो उन्होंने भक्त रहसु को बुलाया और पूछा ये सब कैसे करते हो. तब रहसू ने बताया कि मां की महिमा है तो उसने कहा अपनी माँ को बुलाओ. 1 सप्ताह बाद मां थावे आयी भक्त रहसु का सिर फटा और माँ ने अपना हाथ व कंगन दिखाया. जिसके बाद भक्त रहसु और राजा मनन सिंह मोक्ष को प्राप्त हो गए.

बात करें मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की तो माता ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए रहती हैं. उनके दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. जिस वजह से मां को तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से जाना जाता है. पुराणों में बताया गया है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करने से सर्व सिद्धि प्राप्त होती हैं.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading