पटना. देश के गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर पांच नवंबर को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, जिसकी तैयारी को लेकर बिहार बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. मुजफ्फरपुर के पताही में अमित शाह की रैली होने वाली है जहां से अमित शाह आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर न सिर्फ बिगुल फुकेंगे, बल्कि बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ-साफ संदेश भी देकर जाएंगे कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें किस लाइन पर चलना है. अमित शाह का दौरा न सिर्फ लोकसभा चुनाव में बीजेपी के तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण रहेगा, बल्कि नीतीश कुमार पर भी अमित शाह किस लहजे में बोलेंगे इस पर भी बिहार की सियासी निगाहें काफी गहरे तक टिकी रहेगी.
राजनीति के जानकार बताते हैं कि ऐसा इसलिए भी कि इसके पहले जब अमित शाह बिहार के दौरे पर आए थे, तब उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर उतनी तल्खी नहीं दिखाई थी जितना उसके पहले के दौरे पर नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. इसके पहले अमित शाह के सुर थोड़े नर्म दिखे थे जब उन्होंने नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद जैसा शब्द का प्रयोग तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कह गए थे नीतीश कुमार और आरजेडी की दोस्ती तेल और पानी जैसी है, जिसमें तेल पानी को कभी साफ नहीं रहने देगा. अमित शाह के इस बयान के सियासी अर्थ बिहार में खोजे जाने लगे थे.
अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जो लगातार तैयारियों में लगे हुए हैं, कहते हैं, आदरणीय अमित शाह जी जब इस बार आएंगे तो अपने भाषण में न सिर्फ बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाएंगे बल्कि ये भी बताएंगे कि कैसे बिहार की चालीसों सीट पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करनी है. वहीं, जदयू के नेता और मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि हर किसी को अधिकार है कि वो आएं, इसमें क्या हर्ज है? चुनाव का वक्त है हर किसी को अधिकार है आकर चुनावी तैयारियों में लगें. अमित शाह जी अभी तो एक दिन के लिए आ रहे हैं, आगे तीन चार दिन भी आकर रहें तो इसमें क्या दिक्कत है?वही बिहार सरकार के मंत्री संजय झा कहते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह जी बिहार आएं तो इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है. लेकिन, उनके आने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है और बिहार में इंडिया गठबंधन को आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी संसदीय सीटों पर शानदार सफलता मिलेगी.