लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलकर आने वाले नेताओं को अपने से जोड़ने से पहले भाजपा उनकी स्क्रीनिंग करेगी। राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसके लिए पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी है। यह समिति ही स्क्रीनिंग करेगी और प्रदेश नेतृत्व को अपनी अनुशंसा देगी।
अनुंशसा पक्ष में आने पर ही आगंतुक नेताओं को भाजपा (BJP) की सदस्यता दी जाएगी। समिति उन नेताओं के इतिहास और करियर का आकलन करेगी और बताएगी कि भाजपा को उन्हें लेना चाहिए या नहीं। पार्टी के लिए उनकी उपयोगिता व उपादेयता का भी आकलन होगा। समिति की पहली बैठक छह जनवरी को है। उस बैठक में भाजपा का दामन थामने के इच्छुक कुछ नेताओं के बारे में आकलन होना है।

सम्राट चौधरी की नेतृत्व वाली समिति में ये नेता शामिल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की नेतृत्व वाली समिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल, राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर एवं पूर्व मंत्री नितिन नवीन सम्मिलित हैं। दरअसल, भाजपा के पास जदयू के अलग होने से 15 सीटों पर नए प्रत्याशियों को लड़ाने की गुंजाइश बढ़ गई है। दूसरी ओर जदयू , राजद, कांग्रेस एवं वामदल के साथ जुड़े कई नेताओं को टिकट मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। टिकट हासिल होने की उम्मीद पाले कई वर्तमान सांसद भी भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि, वह पार्टी में ऐसे नेताओं को ही सम्मिलित करना चाहते हैं, जो लंबे समय तक वफादार रहें। भाजपा अब जल्दबाजी में किसी भी नेता को अपने दल में सम्मिलित करने से परहेज कर रही है।