बिहार में पर्वत पर भगवान राम के चरण पादुका के दर्शन करते हैं भक्त, त्रेता युग में आए थे यहां

गया: बिहार के गया में भगवान राम की चरण पादुका को देखने के लिए दूर-दूर श्रद्धालु आते हैं. इस चरण पादुका के दर्शन करने के लिए लोगों 374 सीढ़ियां चढ़कर पर्वत पर पहुंचना होता है. इसके बाद भगवान श्री राम के चरण पादुका के दर्शन होते हैं. ऐसा मानना है भगवान राम गया आए थे, शास्त्रों और पुराणों में भी इसका वर्णन है. फिलहाल जब अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, तो यहां उनकी इस चरण पादुका के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

यहां की था भोलेनाथ की पूजा

त्रेता युग में आए थे भगवान राम

त्रेता युग में भगवान राम गया जी आए थे, यहां उन्होंने पिंडदान किया था. पिंडदान करने वे रामशिला पर्वत पहुंचे थे, जहां रामकुंड सरोवर है. उन्होंने यहां स्नान कर पिंडदान किया था. रामशिला एक प्राचीन मंदिर है, यहां भगवान राम की प्रतिमा है. वहीं, माता सीता, लक्ष्मण, भारत, शत्रुघ्न की भी प्रतिमा मौजूद है. यहां बजरंगबली की बेहद प्राचीन प्रतिमा भी है. भारत की पत्नी मानवी की भी प्रतिमा यहां है.

ऊपर पहाड़ पर है चरण पादुका

रामशिला प्राचीन मंदिरों में से एक है. वहीं, मंदिर के ऊपर यानी की 374 कठिन सीढ़ियों को चढ़कर भक्त पहुंचते हैं. यहां पहुंचने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी की पर प्रतिमा के दर्शन करते हैं. वहीं यहां भगवान राम के इस चरण पादुका के दर्शन कर लोग धन्य हो जाते हैं.

वनवास के दौरान आए थे भगवान राम

वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी यहां आए थे. भगवान राम ने यहां अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किया था. रामशिला पर्वत पर भगवान भोलेनाथ के पातालेश्वर महादेव के स्वरूप की पूजा की थी, जो कि शिवलिंग के रूप में विराजमान है. पातालेश्वर महादेव की पूजा करने के बाद भगवान राम ने यहां विश्राम भी किया था. इस दौरान उनके चरण चिन्ह यहां सदियों से मौजूद है. चरण पादुका के दर्शन के लिए भक्त देश के कोने-कोने से आते हैं.

रामशिला में है भगवान राम की चरण पादुका
यहां भगवान विष्णु के भी चरण चिह्न हैं. भगवान विष्णु ने साक्षात गदाधर रूप में गयासुर के ऊपर अपने पैर रखे थे. इसी तरह रामशिला में भगवान राम के चरण पादुका त्रेता युग से मौजूद हैं. इस संबंध में रामशिला मंदिर के पुजारी लखन पांडे बताते हैं कि रामशिला में भगवान राम की चरण पादुका साक्षात विराजमान है. यहां भगवान राम सपरिवार विराजमान है. इस मंदिर में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी, भरत, शत्रुघ्न जी और हनुमान जी की प्रतिमा है. इसके अलावा भारत जी की पत्नी मानवी की भी प्रतिमा यहां मौजूद है.

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