पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10 से 4 बजे तक विद्यालय संचालन के आदेश के बावजूद ACS केके पाठक द्वारा विद्यालय 9 बजे सुबह में ही खोलने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही छुट्टियों को पूर्ववत नहीं किया गया है. ऊपर से 31 मार्च तक के सभी पर्व त्योहार और संडे को भी शिक्षकों को विद्यालय खोलने के आदेश दिए गए गए हैं.
नीतीश कुमार का आदेश
दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने स्कूल टाइमिंग बढ़ाए जाने को लेकर बिहार विधानसभा में नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि वे अधिकारियों से बात करेंगे. स्कूल का समय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होना चाहिए. बता दें कि सदन में विपक्ष ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज और स्कूल का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करने को लेकर हंगामा किया था.
नीतीश के आदेश के इतर शिक्षा विभाग का आदेश
सीएम नीतीश के आदेश के चंद घंटों के अंदर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से एक पत्र जारी किया गया. इसमें पहले की प्रक्रिया को बरकरार रखा गया है.यानी 10 बजे से 4 बजे तक घंटी का संचालन होगा.

‘बिहार में अफसरशाही’- पूर्व शिक्षा मंत्री
वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं. बिहार में अफसरशाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है. साथ ही चंद्रशेखर ने विजय कुमार चौधरी पर भी हमला बोला है. चंद्रशेखर का दावा है कि जो भी बहाली बीपीएससी से हुई, वह सब उनका फैसला था.
क्या बोले शिक्षक संघ?
वहीं माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संदीप ने केके पाठक पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, ”केके पाठक का मकसद शिक्षा में सुधार नहीं, शिक्षकों का उत्पीड़न है.

शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद से केके पाठक ने आदेशों की झड़ी लगा दी है. उनके नए-नए आदेशों से शिक्षक परेशान हैं. इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि केके पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए कई तरह की कोशिश की है.
नीतीश कुमार कर चुके हैं कई बार तारीफ
सीएम नीतीश कुमार ने भी कई बार केके पाठक की तारीफ की है. महागठबंधन सरकार के दौरान गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र के वितरण समारोह में नीतीश ने केके पाठक की काफी तारीफ की थी. नीतीश ने कहा था कि अच्छा काम करते हैं, लेकिन अब वही केके पाठक नीतीश कुमार के आदेशों की अवहेलना करते हुए नए आदेश जारी कर रहे हैं.