बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. इस बीच, बिहार की सियासत में मंगलवार को फिर से बड़ा खेला हुआ है. बता दें कि महागठबंधन के तीन विधायक एनडीए में शामिल हो गए हैं. इसे लेकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मंगलवार को तेजस्वी यादव पर तंज कसा है. सम्राट चौधरी ने कहा कि, ”बच्चा कह रहा था खेला करेंगे. बच्चे को हम लोग खिलौना देते जा रहे हैं.” वहीं, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि, ”महागठबंधन के कई विधायक एनडीए में आना चाहते हैं. अभी हम लोग महागठबंधन विधायकों को रोक कर रखे हैं. आज तीन महागठबंधन विधायक एनडीए में आए क्योंकि तेजस्वी विधायकों को बंधुआ मजदूर की तरह बांधकर रखना चाहते हैं.”

‘फिर से 25 विधायक वाली पार्टी आरजेडी रह जाएगी’ – विजय सिन्हा
आपको बता दें कि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आगे तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि, ”परिवारवाद में विधायकों को बांधकर रखना चाहते हैं. विधायकों को लोकतंत्र पर यकीन है, इसलिए महागठबंधन विधायक कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. आरजेडी की 2010 वाली स्थिति होने वाली है. फिर से 25 विधायक वाली पार्टी आरजेडी रह जाएगी.” अब विजय सिन्हा के इस बयान को लेकर विपक्ष में हलचल तेज हो गई है.

‘एक ओर राष्ट्रवाद और एक ओर परिवारवाद है’- कुंतल कृष्ण
वहीं आपको बता दें कि बीजेपी के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने इसको लेकर कहा कि, ”’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवाद नीति और बीजेपी के बढ़ते जनाधार को देखते हुए महागठबंधन के तीन विधायक भगवा के साथ आ गए हैं.” आगे उन्होंने कहा कि, ”एक ओर राष्ट्रवाद और एक ओर परिवारवाद है, जिन विधायकों को राष्ट्रवाद पसंद आ रहा है, वह साथ आ रहे हैं.” बता दें कि मंगलवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरव और राजद की संगीता देवी के साथ विधानसभा पहुंचे, जिसके बाद यह साफ हो गया कि महागठबंधन के तीन विधायक एनडीए के पाले में आ गए हैं.
