पटना: जदयू से इस्तीफा देने वाले पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी घर वापसी की तैयारी में हैं. आज वह आरजेडी में शामिल हो सकते हैं. फातमी उत्तर बिहार के कद्दावर नेता माने जाते हैं और लोकसभा चुनाव में दो-दो हाथ के लिए राष्ट्रीय जनता दल का दामन थामने के लिए तैयार हैं. माना जा रहा है कि मधुबनी लोकसभा सीट से उनका टिकट पक्का है.
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घर वापसी की तैयारी में अली अशरफ
दरअसल राष्ट्रीय जनता दल माय समीकरण को धार देना चाहती है और ऐसे में पुराने अल्पसंख्यक नेताओं की उन्हें तलाश भी है. अब्दुल बारी सिद्दीकी को राष्ट्रीय जनता दल की ओर से विधान परिषद भेजा गया है और अब उत्तर बिहार को साधने के लिए फातमी को राष्ट्रीय जनता दल में फिर से वापस लाया जा रहा है. फातमी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं, फिलहाल वह दरभंगा या मधुबनी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

दरभंगा से चार बार सांसद रहे फातमी
अली अशरफ 2019 के लोकसभा चुनाव के समय जदयू में आए थे. वो दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं और केंद्र की सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. उनके पुत्र फराज फतमी भी दरभंगा जिले के केवटी से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने 2010 में केवटी विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के अशोक कुमार यादव से 28 वोटों से हार गए थे. फिर 2015 में इसी सीट से जीत मिली, लेकिन 2020 में उन्होंने भी राजद को छोड़कर दिया और जदयू में शामिल हो गए थे.
जेडीयू को बताया था अल्पसंख्यकों का हितैषी
29 जुलाई 2019 को जब अली अशरफ फातमी जेडीयू में शामिल हुए तब उन्होंने जेडीयू को अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी हितैषी पार्टी बताया था. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया और अब पांच साल बाद फातमी ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. मिथिलांचल की सियासत पर फातमी की मजबूत पकड़ मानी जाती है और इसी वजह से राष्ट्रीय जनता दल में उनकी घर वापसी हो रही है.





