अगर आपको महादेव और मां पार्वती का आशीर्वाद चाहिए तो प्रदोष व्रत करें. इस बार यह व्रत 5 मई को है. प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद सीधा मिलता है. साथ ही साथ जिंदगी में हुई भूल दोष से भी मुक्त होते हैं. इस दिन देवताओं में भी काफी उत्साह देखी जाती है. इस बार यह व्रत 5 मई 2024 त्रयोदशी तिथि को होगा.

प्रत्येक महीने में सूर्यास्त का अलग-अलग होता है समय
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखी जाती है. महीने में दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष. दोनों पक्ष में त्रयोदशी तिथि आता है. शुल्क पक्ष के त्रयोदशी तिथि 5 मई 2024 को है. इस व्रत को करने का नियम रखा गया, जब संध्याकाल होती है. तो इस व्रत का प्रारंभ होता है. संध्या काल का मतलब है सूर्योदय के अस्त होने के बाद उसे प्रदोष काल का प्रारंभ कहा जाता है. चाहे समय जो भी हो सूर्यास्त के समय को ही प्रदोष व्रत कहा जाता है. प्रत्येक महीने में सूर्यास्त का अलग-अलग समय होता है.

इस दिन रजत काल में जाते हैं महादेव
शास्त्र के मुताबिक त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव रजत काल में पहुंच जाते हैं. उसे समय नृत्य गान होता है और भगवान शिव खुद तांडव करते हैं. उनके उपस्थिति में नृत्य गान के इस मनोहर दृश्य को देखने के लिए सभी देवी- देवता उतावला रहते हैं और भगवान शिव का तांडव का नृत्य देखने के लिए सभी देवता वहां मौजूद रहते हैं. हालाँकि उन्होंने कहा उस टाइम में वह बहुत प्रफुल्लित होते हैं. साथ में माता पार्वती भी रहतीं हैं. मां पार्वती की आराधना के लिए लोग जो व्रत करते हैं. उनपर कृपा सदैव बनी रहती है.

मिलता है सदा सुहागिन रहने व संतान प्राप्ति का आशीर्वाद
आदिकाल से सुहागिन महिला सौभाग्यवती रहने के लिए इस व्रत को करती हैं. इसके साथ-साथ संतान की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है. सुख समृद्धि एवं लक्ष्मी आदि सभी मनोकामना के लिए इस व्रत को किया जाता है. हालांकि इस व्रत का पारण अगले दिन 6 मई को पारण किया जाएगा. इसके लिए जल या मीठी चीजों से पारण करना उत्तम रहेगा.



