भागलपुर में गर्भाशय कैंसर पर रिसर्च करेंगी इंग्लैंड की डॉक्टर, 15 मिनट के अंदर मिलेगी जानकारी

बिहार के भागलपुर में गर्भाशय कैंसर पर इंग्लैंड की डॉक्टर एंजेला क्रिस्टीन व इंग्लैंड में रह रही खगड़िया की बेटी तेजस्विनी शोध कर रही है. फिलहाल डेटाबेस और किट तैयार हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में शोध रिपोर्ट तैयार होगी. 15 मिनट के अंदर किट गर्भाशय कैंसर की जानकारी देगी. कैंसर बीमारी लगातार सुरसा के तरह मुंह फैलती जा रही है. खास कर महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का मामला लगातार सामने आता है. लेकिन इसको लेकर रिसर्च नहीं होने और जागरूकता नहीं होने के कारण समस्याएं बढ़ जाती है. अब भागलपुर में इसको लेकर इंग्लैंड की डॉक्टर रिसर्च कर रहे हैं.

Newborn Baby Stolen From Jawaharlal Nehru Medical College Hospital In  Bhagalpur - Amar Ujala Hindi News Live - Bihar:बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज- अस्पताल से बच्चा चोरी, मां की गुहार अस्पताल ...जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर की एथिकल कमेटी ने गर्भाशय में कैंसर पर रिसर्च के लिए अप्रूवल दिया है. इंग्लैंड की डॉक्टर एंजेला क्रिस्टीन और इंग्लैंड में रह रही खगड़िया की बेटी तेजस्विनी इस पर रिसर्च कर रही है. ताकि मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा मिल सके. फिलहाल अभी डेटाबेस कनेक्ट किया जा रहा है और दूसरी तरफ रिसर्च के लिए किट तैयार किया जा रहा है जो 15 मिनट के अंदर बतायेगा कि महिला में गर्भाशय कैंसर है या नहीं है. यदि है तो किस स्टेज पर है और कितनी परेशानी है. डॉक्टर एंजेला क्रिस्टीन से रिसर्च करवाने के लिए तेजस्विनी ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर के एथिकल कमेटी को प्रस्ताव दिया था. जिसे स्वीकृति दी गयी है. यह पूर्वी बिहार में पहली बार ऐसा होगा कि कैंसर पर रिसर्च किया जाएगा.

रिसर्चर तेजस्विनी ने कहा कि हम मेडिकल कॉलेज और जमालपुर खगड़िया की एक संस्था और यूके की कम्पनी टेंजाइम जो सर्वाइकल किट बना रही है. उनके साथ गर्भाशय कैंसर पर रिसर्च करेंगे. इसमें मुख्य रूप से इंग्लैंड की डॉक्टर एंजेला रहेंगी. उन्हें हमने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भाशय कैंसर की जानकारी लोगों को नहीं है. जागरूकता नहीं है. बिहार में इस पर काम करेंगे तो सरकार से भी सहयोग मिलेगा. हमें जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सहयोग मिल रहा है. इस प्रोजेक्ट को 9 महीने के अंदर समाप्त करेंगे.

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर उदय नारायण सिंह ने कहा कि इस महाविद्यालय के भी पीजी छात्र बहुत विषयों पर शोध करते है. शोध कार्य पठन पाठन का अभिन्न हिस्सा है. इस बार एथिकल कमेटी ने बाहरी व्यक्ति को शोधकार्य की अनुमति दी है. इंग्लैंड की डॉक्टर एंजेला क्रिस्टीन प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर रहेंगी और बिहार की तेजस्विनी शोध करेंगी.

मेडिकल कॉलेज के एथिकल कमिटी के सेक्रेटरी डॉक्टर गौरव ने बताया कि रिसर्च के लिए आउटसाइड कैम्पस प्रपोजल आया था. 13 मई को मीटिंग हुई थी. उसके बाद प्रोपोजल एक्सेप्ट किया गया और रिसर्च शुरू हो गई. इससे मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा. पहले वह जानना चाह रही है कि गर्भाशय कैंसर किस उम्र में होता है. इसके क्या -क्या फैक्टर है. कुछ लोकल फैक्टर को जानना चाह रहे हैं. कम्युनिकेशन गैप कम हो इस पर काम किया जा रहा है. ये लोग किट तैयार कर रहे है जो जल्दी कैंसर के बारे में बता देगा. अभी भी जांच होता है तो पता चलता है. लेकिन वह किट जल्दी जानकारी देगा. पहले बाहरी को रिसर्च के लिए यहां अप्रूवल नहीं दिया जाता था. हम लोगों ने मेडिकल कॉलेज के नियम को बदलकर एम्स के एसओपी को लाया. इससे भविष्य में बाहर के लोग ज्यादा रिसर्च करेंगे.

पूर्वी बिहार में यह शोध बड़ी उपलब्धि होगी. रिसर्च के बाद जहां कैंसर के लक्षण ज्यादा पाए जाएंगे. वहां सरकारी मदद से इलाज कराया जा सकेगा. ग्रामीण महिलाएं जागरूक होंगी और उन्हें इसके बारे में बताया जा सकेगा.

   

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading