मुंगेर के इन बालू घाटों की होगी नीलामी, इस दिन लगाई जाएगी बोली

मुंगेर: बालू के कारेाबार से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है. मुंगेर में जल्द हीं बालू घाटाें की बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है. दसअसल, खान एवं भूतत्व विभाग मुंगेर जिला के  22 गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती कराने जा रहा है. बंदोबस्ती को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी की ली गई है. बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया 19 जून को होना है. वहीं समाहरणालय के सभागार में बालू घाटों की बोली लगाई जाएगी. टेंडर से संबंधित दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गई है. वहीं तकनीकी निविदा की जांच व मूल्यांकन में सफल निविदादाता ही नीलामी में भाग लेंगे.

Eight districts including Patna will start red sand mining from next week |  Red Sand Mining: पटना सहित आठ जिलों में अगले हफ्ते से शुरू होगा लाल बालू का  खनन | Hindi22 बालू घाटों की होगी नीलामी

प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी रंधीर कुमार ने बताया कि जिले में कुल 22 गंगा बालू घाट की बंदोबस्ती होनी है. एक बालू घाट का क्षेत्रफल इस बार पांच हेक्टेयर का होगा. उन्होंने बताया कि इस बार गंगा घाटों के क्षेत्रफल में बांटकर बंदोबस्ती की जाएगी. इसके पीछे की वजह यह है कि बड़ा क्षेत्रफल होने के चलते पिछली बार बंदोबस्ती में किसी ने भाग नहीं लिया था. काली स्थान फुलकिया बालू घाट एवं काली स्थान बरियारपुर गंगा बालू घाट को 6-6 भाग,  पहाड़पुर गंगा बालू घाट को 5 भाग एवं महुला बालू घाट को 4 भाग में बांट कर बंदोबस्ती की जाएगी. जबकि टीकरामपुर में एक बालू घाट की बंदोबस्ती होनी है. बालू घाटों की जो बंदोबस्ती की जा रही है. वहीं निविदा प्रकाशन हो चुका है. 19 जून को नीलामी के लिए बोली लगाई जाएगी. वहीं बालू घाटों की बंदोबस्ती आगामी 5 वर्षों के लिए होगी.

प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी रंधीर कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष गंगा किनारे आठ बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए तीन बार निविदा का प्रकाशन कराया गया था, लेकिन अधिक क्षेत्रफल का घाट रहने के चलते नीलामी में किसर ने हिस्सा नहीं लिया था. जिसके चलते गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हो सकी थी. इस बार जो विभाग द्वारा निविदा निकाली गयी है, उसमें मुंगेर शहर से लेकर हेरूदियारा तक के गंगा घाट शामिल नहीं है. बता दें कि बिना टेंडर के ही मुंगेर शहर व आस-पास के गंगा बालू घाटों पर अवैध उत्खनन कर उसकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है.

   

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