दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। वहीं सिसोदिया को बेल मिलने के बाद से देश की सियासत में सियासी बयानबाजी तेज है। इसी कड़ी में शनिवार को पटना पहुंचते ही केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी मनीष सिसोदिया को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मनीष सिसोदिया को बेल मिला है इसका मतलब ये नहीं है कि वो दोष मुक्त हो गए हैं।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आज दिल्ली से पटना पहुंचे पटना एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों के द्वारा किए गए सवाल की मनीष सिसोदिया को बेल मिल गई है आम आदमी पार्टी के नेता बोल रहे हैं कि साजिश के साथ केजरीवाल को फंसाया जा रहा है जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है।

कानूनी प्रक्रिया के तहत जेल गए और कानूनी प्रक्रिया के तहत बाहर आए हैं। बेल हो जाने का यह मतलब नहीं होता है कि दोष मुक्त हो गए। बेल मिल जाने के बाद कोई भाषण देना या राजनीतिक बात बोलना ठीक नहीं है, अगर और कहीं कुछ बात होता है तो फिर दोबारा जेल जा सकते हैं। इस पर कुछ कहने की बात नहीं है न्यायालय का मामला है।

वहीं आरक्षण के मामले को लेकर कहा कि क्रीमी लेयर और कोटा में कोटा दो बात है। हम भी मंत्रिमंडल में थे हमारी भी बात हुई है। क्रीमी लेयर नहीं होना चाहिए। यह प्रधानमंत्री का निर्देश है यह सही बात है, शेड्यूल कास्ट के जो लोग हैं उसमें क्रीमी लेयर करके जैसे ओबीसी में है उस तरह नहीं होना चाहिए, लेकिन समाज में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो हास्य पर हैं। उनके लिए तो व्यवस्था होनी चाहिए।

जीतन राम मांझी ने कहा हमारा मानना है कि शेड्यूल कास्ट में बिहार में 21 जातियां हैं। 21 जातियों में से 4 जाति जिससे D4 कहते हैं। आज के समय में जज हो, कलेक्टर हो, इंजीनियर हो रेलवे हो सब में रिप्रेजेंटेशन की बात कही जायेगी तो ये चार जातियों ने 90 परसेंट भाग लिया हुआ है लेकिन जो बाकी और जातियां है इनको आज तक आरक्षण नहीं मिला है। इसलिए हमारी मांग है कि इनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए।

बता दें कि जब सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर को लेकर निर्णय लिया था तब जीतन राम मांझी ने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में हैं। ये लागू होना चाहिए। क्योंकि जो अमीर है वो अमीर होते जा रहे हैं। और जो गरीब है वो गरीब होते जा रहे हैं।

साथ ही चिराग पासवान के द्वारा आरक्षण पर दिए बयान को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा ये सामाजिक बात है, बाबा भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि लगातार समीक्षा होनी चाहिए की कौन आगे बढ़ा और आगे नहीं बढ़ा,आज 76 वर्ष हो गया 5 से 7 बार समीक्षा होनी चाहिए थी। इस बात की चर्चा क्यों भूल जाते हैं जो लोग आज कह रहे हैं।





