नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश बिहार के कई गांव बर्बाद, दर्जनों गांवों का टूटा संपर्क

नेपाल में पिछले दो दिनों से हो रही वर्षा से कई पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। सोमवार को नरकटियागंज के केसरिया और माल्दा गांवों के बीच खाहड़ नदी में उफान से उसका पानी पुल के ऊपर से बहने लगा। इससे दर्जनों गांवों का सपंर्क नरकटियागंज से भंग हो गया है।

Flood tragedy: relief to North Bihar destruction continues in Muzaffarpur  and Darbhanga बाढ़ त्रासदी : उत्तर बिहार को राहत, मुजफ्फरपुर व दरभंगा में  तबाही जारी, बिहार न्यूज़

वहीं, पुल पार कर रहा एक युवक बाइक के साथ पानी की तेज धारा में बह गया। ग्रामीणों की मदद से युवक को निकाल लिया गया। युवक की पहचान केसरिया गांव के सिपाही साह के रूप में हुई है।

लगातार वर्षा से पहाड़ी नदियों पंडई, मनियारी, हड़बोड़ा, बलोर, दोरहम, जमुआ, मनियारी अमहवा, द्वारदह, गांगुली का जलस्तर बढ़ने लगा है। कुछ नदियों का पानी सरेह में फैलने लगा है। इससे फसलें पानी में डूब गई हैं। वार्ड संख्या-5 में कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है।

एसडीएम सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि वर्षा को देखते हुए बाढ़ प्रभावित इलाकों में नजर रखी जा रही है। सीओ सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। उधर, शिवहर में बागमती नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। सोमवार को जलस्तर में हल्की गिरावट के बावजूद जिले में बाढ़ का संकट बरकरार है।

डुब्बाघाट स्थित रेनगेज पर नदी के जलस्तर में 28 सेंटीमीटर की गिरावट आई। नदी खतरे के निशान 61.28 मीटर से 18 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। डुब्बाघाट, मोहारी व मोतनाजे में कटाव तेज हो गया है। कई एकड़ जमीन सहित फसलें नदी में विलीन हो गई हैं।

किशनगंज में नदियों का जलस्तर सामान्य

किशनगंज में बारिश नहीं होने से नदियों का जलस्तर सामान्य है। बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। शहर स्थित मझिया धार में गिरने से सोमवार को एक बच्ची की मौत हो गई। वहीं, खगड़िया में कोसी व बागमती स्थिर है। दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

गंगा और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी आई है। हालांकि, अभी भी दोनों खतरे के निशान से ऊपर हैं। पुरानी बंगलिया गांव में बागमती कटाव कर रही है। यहां बाढ़ निरोधी कार्य चल रहा है।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading