डायल 112 पर आ रहे बेवजह कॉल से परेशान अधिकारियों ने जनता की अपील

पुलिस, एंबुलेंस जैसे आपातकाल सेवा के लिए जारी डायल 112 सेवा पर बड़ी संख्या में अनचाहे कॉल भी आ रहे। अवांछित कॉलरों के कारण डायल-112 नेटवर्क पर जरूरतमंदों का इंतजार बढ़ जा रहा है। बिहार प्रमंडल के दूरसंचार विभाग के अनुसार, इस साल जून में डायल 112 पर करीब चार करोड़ से अधिक कॉल आए। इनमें से मात्र छह प्रतिशत यानी 25 लाख कॉल ही डायल 112 के ऑपरेटरों ने रिसीव किया। दैनिक कॉल हैंडलिंग के मामले में बिहार ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। पिछले दो वर्षों में यह आपातकॉलीन सेवा लगभग 20 लाख लोगों तक पहुंच चुकी है। डायल-112 के जरिए प्रतिदिन लगभग 5000 लोगों तक मदद पहुंच रही है।

1.85l Dial 112 For Emergency Help In 8 Months | Patna News - Times of India

दूरसंचार अधिकारियों के अनुसार, आम जनता अनजाने में 112 सिस्टम पर कॉल कर रही है, जिससे पूरा सिस्टम जाम हो रहा है। ऐसा मुख्य रूप से मोबाइल फोन में सेटिंग के कारण होता है, जो माडल के हिसाब से अलग-अलग होता है। विभागीय अधिकारियों ने आम जनता से अनुरोध किया है कि वे अपने मोबाइल हैंडसेट की सेटिंग की समीक्षा करें और अनजाने में 112 पर कॉल करने से बचें। इससे वास्तविक जरूरतमंद लोगों को तुरंत सेवाएं मिल सकेंगी और अनावश्यक रूप से सर्किट जाम नहीं होगा।

नियम से विपरीत डयूटी कराने पर डायल 112 नंबर के चालक हड़ताल पर

गया जिले में डायल 112 नंबर की वाहन पर रहे चालकों ने नियम से विपरीत डयूटी कराने और पुलिस लाइन में बातचीत के दौरान सार्जेंट मेजर एमटी से हुई नोकझोंक के कारण मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। चालकों ने 112 नंबर की गाड़ी को पुलिस लाइन में लाकर खड़ा कर दिया। अपनी मांगों के समर्थन में मुखर दिखे। मांगों के समर्थन में दिनभर चालक हड़ताल पर रहे। शाम में एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर एएसपी नगर पीएन साहू बातचीत करने के लिए पुलिस लाइन पहुंचे, लेकिन वार्ता विफल रहा।

हड़ताल कर रहे चालकों ने कहा कि वे सभी चालक सेना से सेवानिवृत है। बहाली के समय सरकार द्वारा उन्हें 25,750 रुपये प्रतिमाह मानदेय तय किया गया था। इसके अलावा कोई क्लेम पुलिस विभाग पर नहीं कर सकते हैं। साथ हीं नियुक्ति पत्र देते समय बताया गया था कि मुख्यालय से 12 से 15 किलोमीटर की दायर में डयूटी करेंगे। किसी भी हाल में थाना की गश्ती गाड़ी नहीं चलाएंगे। किसी भी तरह की छापामारी और स्काउट में नहीं करेंगे।

पूरे साल में 20 दिनों की छुट्टी मिलेगी और सप्ताह के एक दिन विश्राम करने का प्रावधान किया गया था, लेकिन गया में नियम से विपरीत जाकर सैप जवानों से डयूटी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि डयूटी से पीछे नहीं हटने वाले हैं, जहां डयूटी लगेगी वहां करेंगे।उन्हें सप्ताह में एक दिन रेस्ट नहीं मिलता है, नियम के विपरीत जाकर डायल 112 के चालक को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बालू, शराब, नशीले समान को लेकर छापामारी करने के ले जाते हैं, जो नियम के विपरीत है।

8 घंटे की जगह 12 घंटे ली जाती है ड्यूटी

उन्होंने कहा कि अगर छापामारी में कहीं कोई घटना घट गई, तो मरने वाले सैप जवान को ऑन डयूटी मुआवजा भी नहीं मिलेगा। कारण से उनके सर्विस ला में पहले हीं जानकारी दे दी गई कि मानदेय के अलावा कोई मानदेय नहीं देंगे। इतना हीं उनसे 24 घंटे और 12 घंटे डयूटी ली जाती है, जबकि एकरानामा में 8 घंटे डयूटी लेने की बात बताई गई थी। डायल 112 चालक की डयूटी आम लोगों को तत्काल पुलिस की सुरक्षा पहुंचाना है। ना की छापामारी करना है।

चालकों ने कहा कि बीते दिनों मानपुर में छापामारी करने के लिए 112 मोटरसाइकिल चालक को भेज दिया गया। यह तो संयोग अच्छा था कि बदमाशों ने सैप चालक को गोली नहीं मारी। सर्विस रिवाल्वर छीनकर हीं छोड़ दिया गया। इस कारण से इन बिंदुओं पर न्याय चाहिए। इन बिंदुओं पर बातचीत करने के लिए लाइन डे पर पुलिस लाइन आए थे, लेकिन सार्जेंट मेजर एमटी द्वारा गलत भाषा का प्रयोग करते हुए जेल देने की धमकी दे दिए। इस कारण से गुस्साएं चालकों ने अपनी गाड़ी पुलिस लाइन में खड़ा कर हड़ताल पर चले गए हैं।

चालकों ने कहा कि आम लोगों की आज भी सहायता के लिए फोन की घंटी बजी है, लेकिन अपनी पुलिस पदाधिकारी के व्यवहार के कारण मदद नहीं कर सके। जब तक मांग पूरा नहीं होता तब तक हड़ताल पर रहेंगे। इधर, डायल 112 के प्रभारी सह डीएसपी मुख्यालय सुबोध कुमार सिन्हा ने बताया कि कुछ चालक हड़ताल पर चले गए हैं। जो नियम के विपरीत है। इनके हड़ताल से डायल के 112 पर कोई असर नहीं पड़ा है। जो लोग हड़ताल पर हैं, उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। इन लोगों ने आवश्यक सेवा को बाधित किया है।

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