बिहार में ‘बाढ़’ पर सियासत तेज, केंद्र सरकार और नीतीश पर तेजस्वी ने लगाए गंभीर आ’रोप

बिहार में नदियां उफान पर है. कोसी, गंडक समेत प्रदेशभर की कई नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. नेपाल में हो रही लगातार बारिश की वजह से पड़ोसी देश पानी छोड़ रहा है, जो बिहार के लिए काल की वजह बन चुकी है. बिहार के 13 जिले बाढ़ की चपेट में है. वहीं, लाखों लोग घर से बेघर हो चुके हैं. वहीं, प्रदेश में 22 जिलों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है. पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में है. सुपौल, दरभंगा, भागलपुर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और शिवहर में बाढ़ का तांडव देखा जा रहा है.

बिहार में बाढ़ से मचा तांडव

प्रदेश में अब तक 7 से ज्यादा बांध टूट चुके हैं. जिसकी वजह से आसपास का पूरा इलाका जलमग्न हो चुका है. लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर राहत बचाव कैंप में जाने को मजबूर हैं. इस बीच बिहार में बाढ़ से मची तबाही पर सियासत शुरू हो चुकी है. विपक्ष राज्य सरकार पर हमला करने का एक मौका नहीं छोड़ रहा है.
बिहार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट कर नीतीश सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने ट्वीटर करते हुए बिहार में 2008 में आई बाढ़ की याद दिलाई और कहा कि कैसे उनके पिता ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई थी और केंद्र सरकार ने लोगों की मदद के लिए 1000 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि दी थी.
 
 
साथ ही यह भी कहा कि 2008 में बाढ़ के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी बिहार पहुंची थी और बाढ से ग्रसित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया था. 
 

यूपीए सरकार का दिया गया अनाज चुनाव से पहले बांटा गया

साथ ही तेजस्वी ने यह भी कहा कि उस समय मौजूदा सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए 1 लाख टन अनाज की मांग की थी, लेकिन यूपीए सरकार ने मदद के लिए 1 लाख 25 हजार टन अनाज दिया. जितना बिहार सरकार ने मांगा था, केंद्र सरकार ने उससे ज्यादा की मदद की.

साथ ही नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि उसी अनाज को मुख्यमंत्री ने बचाकर रखा औऱ 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान गरीबों को यूपीए का दिया हुआ अनाज बांटा. उन्होंने चुनाव में इसका फायदा उठाया. नीतीश सरकार से सवाल पूछते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार में बार-बार तटबंध क्यों टूटते हैं, इसकी वजह भी सरकार को बतानी चाहिए.

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