26 नंवबर को जदयू की भीम संसद का आयोजन, मंत्री बोले- ‘सीएम नीतीश का काम बोलता है’

जनता दल यूनाईटेड इस साल 26 नवंबर को भीम संसद का आयोजन कर रही है। बिहार सरकार के मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कहा पिछले साल 26 नवम्बर 2023 को हम लोगों ने संविधान दिवस के अवसर पर भीम संसद का आयोजन किया था। भीम संसद कार्यक्रम को एक वर्ष पूरा हो रहा है। इस वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर धूम-धाम से बापू सभागार में मनायंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले 18-19 वर्षां में नीतीश कुमार ने इस प्रदेश में दलितों के उत्थान के लिए जो भी कार्यक्रम किए है, जिस तरह से दबे-कुचले, दलित-महादलित, पिछड़ो-अति पिछड़ों के सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से उत्थान के लिए इस प्रदेश में काम किये है। उन सबके उत्साह के रूप में बाबा साहब की जयंती दिनांक 14 अप्रैल, 2025 के दिन पूरे बिहार के सभी दलित भाईयों ने ‘‘दलित महाकुम्भ’’ कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि अपने साथी मंत्रीगण और अन्य साथियों के साथ बैठक कर ‘‘दलित महाकुम्भ’’ कार्यक्रम स्थल गांधी मैदान या वेटनरी मैदान कोई एक स्थल निर्धारित कर आप सभी को बता दिया जाएगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी का काम बोलता है और तेजस्वी यादव का केवल ट्वीट बोलता है।

नेता योजनाओं का निर्माण किया
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हर एक राजनैतिक दल अपने समूह को एकजुट रखने का प्रयास करता है जिससे कि उनकी ताकत बनी रहे। दलितों को लेकर इस प्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये है जिस पर कुछ लोग पटाक्षेप करते रहते है। समाज के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले लोगों के साथ कई वर्षां तक छुआ-छूत हुआ है, जिसे बाबा साहब ने संविधान में अधिकार देकर समान पायदान पर लाने का प्रयास किया है। इनको एकजुट करने, इन्हें आर्थिक सामाजिक और राजनैतिक रूप से मुख्य धारा में लाने के लिए नेता योजनाओं का निर्माण किया और धरातल पर उतारा।

देश के सभी रत्नों से उपर थे रतन टाटा
मंत्री ने कहा कि एक बड़ी आबादी दलितों की इस प्रदेश में है। सबकी इच्छा होती है कि एक ऐसे राजनैतिक दल से एक ऐसे नेता से जुडे़ जो भविष्य में इनके आने वाली पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए काम करें इसलिए वो सभी सीएम नीतीश कुमार के साथ है।

रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि वह देश के बड़े उद्योगपति थे, महान व्यक्तित्व के धनी थे। वह देश के सभी रत्नों से उपर थे। इनके निधन से देश को एक अपूर्णिय क्षति हुई है। इनके मृत्यु से पूरा देश, चाहे वो किसी भी राजनैतिक दल का हो, जाति का हो या धर्म का हो, सभी मर्माहत है।

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